भारतीय जनता पार्टी दिल्ली और देश की सत्ता के लिए पिछले 10 सालों से तरस रही है। उसे ना तो दिल्ली की कुर्सी हासिल हुई और ना ही देश की सत्ता, लेकिन अब लगता है कि भाजपा का सपना पूरा हो जाएगा।और सपना पूरा करेगी आम आदमी पार्टी। आप सोच रहे है के क्या लिख रहा हु मै भारत की तथाकथित आजादी के बाद कांग्रेस ही ज्यादा तर केंदर मे क़ाबिज़ रहीं है ! एक बार जनता पार्टी ,एक बार भारतीयजनता पार्टी ,तीसरा मोर्चा कुश १२ बरस तक और हमेशा रही काबिज कांग्रेस ! क्या भारत की जनता ने हर बार कांग्रेस को चुना ,नहीं ,कांग्रेस ज़ोड तोड़ क़ी राजनीती कर साटा पर काबीज होतीं रहीं है
भारत में ६ नेशनल पोलिटिकल पार्टीज इलेक्शन कमीशन से मानता प्रापत है
१ इंडियन नेशनल कांग्रेस
२ भारतीयजनता पार्टी
३ बहुजन समाज पार्टी
४ कामनुइस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया
५ कामनुइस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (म )
६ समाज वादी पार्टी
कांग्रेस को छोड़ कर बाकी सारी पार्टीज पुरे देश मे आज भी सारी सीट्स पर चुनाव लड़ने मे असमर्थता दिखातीं दिखाई देती है
ऐसा क्या हो गया के आम आदमी पार्टी सिर्फ़ एक बरस कि उम्र मे ही देश की ४३४ सीट्स पर लोकसभा चुनाव लड़ने मे समरथ हो गयी ! कुश लोग इसे लोगो का मेह्गाई ने कांग्रेस के प्रति लोगो क बढ्ता गुसा। देश में बड़ रहा भर्ष्टाचार ,घोटालो को जिमेवार भी मानते है लोग बद्लाव चाहते है
लेकिन प्रशन ये उठता है के ये बद्लाव सिर्फ २०१४ के लोकसभा चुनाव में ही चाह्ते है! इस्से पहले क्या लोगो ने बद्लाव नहि चाहा था ! कया आज से पहले भरष्टाचार नहि था ? था १९४७ से लेकर आज तक मेह्गाई और भरष्टाचार लागातार बढ़ते ही जा रहे है! हर चुनाव मे लोगो ने बदलाव लाना चाहा ,जिस्के कारन ६ नेशनल और अनेको रीजनल पॉलिटिकल पार्टीज का जनम हुआ ! लेकिन बदलाव नहि हुआ कारन ज़ोड टोड कि राजनीती ! NDA और U P A
भरष्टाचार और घोटालों के आरोप हर सरकार पर लगे ! मेह्गाई और बेरोजगारी हर सरकार के दौर मे बड़ी !
धार्मिक उन्माद और दंगे भी रोक्ने मे लग्भग सारी सरकारेँ असफल रही ! चाहे वो राम मन्दिर बाबरी मस्जिद ,देल्ही मे सिख नस्लकुशी ,गुजरात मे गोदरा कान्ड ,गुजरात मे मुस्लिम विरोधी दंगे ,उत्तर प्रदेश मे दंगे ,असम मे ,जम्मुकश्मीर मे ,और अन्य ,
करीब सभी पोलिटिकल पार्टिओ ने अपने राजनितिक मुफ़ाद के लिये धार्मीक उन्माद को बडावा देने की कथित कोशिश की ! हिन्दू वोट बैंक को भुनाने के लिये हि भाजपा ने मोदी को प्राइम मिनिस्टर पद का उम्मीद्वार बना कर मोदि के नाम पर वोट मांगे है !
मुझे लगता है कि कांग्रेस चाहे कितनी भि कम सीट्स ले जाएं उसे केंदर से बाहार करणा असान नहि है भारत कि ज्यतातर पॉलिटिकल पार्टीज को भारतीयजनता पार्टी से परहेज है सिवा अकालीदल बदल के !
उत्तरप्रदेश से चाहे मायावती जीते चाहेँ मुलायम सिंह समर्थन। …… कांग्रेस को ! बिहार से लालू प्रशाद या नीतीष समर्थन। …… कांग्रेस ! ममता दीदी या लेफ्ट समर्थन। …कांग्रेस ! देश के ज्यादातर राज्यों क हाल यहि है
कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने के लिये पंजाब मे एक फॉर्मूले पर काम किया गया जो के १००% कामयाब रहा (p p p) पीपल पार्टी ऑफ़ पंजाब !
पीपल पार्टी ऑफ़ पंजाब ने पंजाब मे अकालीदल बादल और भारतीयजनतापार्टी कि सरकार बनाने मे मुख्य भुमिका आदा की ! पीपल पार्टी ऑफ़ पंजाब ने शिरोमणि गुरद्वारा परबंदक कमैटी के चुनाव मे अपने कैंडिडेट ख़ड़े नही किए जंहा पर अकालीदल के वोट बंक को नुक़सान किय जां सकता था ,विधान सभा चुनाव लड़ा और सिर्फ़ कॉँग्रेस वोट बैंक को तोडा, शहिदो कि बात कीं भरष्टाचार कि बात कीं ,निजाम बदलणे कि बाते क़ी ,वही एजेंड़ा उठा कर बनी है आम आदमी पार्टी दोनो पार्टीज क एजेंड़ा एक है चुनाव मनोरथ पतर एक है पंजाब जैसे फॉर्मूले से कांग्रेस को केंदर से दूर राख्ने कि कोशिश कि गयी है
जिसमे कितनी कामयाबी मिलती है ये तो आने वाला वक्त्त हि बताएगा फिल्हाल तो यहि कह सकते है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के वोट बैंक के साथ साथ रीजनल पार्टीज के वोट बैंक पर भी झाड़ू चला सकती है , आम आदमी पार्टी ने भी पीपल पार्टी ऑफ़ पंजाब कि तरह जैसे पीपल पार्टी ऑफ़ पंजाब ने पंजाब मे सिख वोट बैंक को नहि छेडा था उसी तरह आम आदमी पार्टी ने भी हिन्दु वोट बैंक को नहि छेड़ा है बल्कि माइनॉरिटीज मुस्लिम और बैक्वोरिड वोट बंक को हि निषाना बनाय है इस्लिये कयास लगया जां सकता है के भाजपा का सपना पूरा कर सकती है आम आदमी पार्टी !