बूथ अलॉटमेंट घोटाले में फंसेंगे एक दर्जन अफसर
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक पहले चरण में बूथ घोटाले में सीधे-सीधे शामिल अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान प्रशासन तथा पुलिस के एक दर्जन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। फर्जी तरीके से बूथ हथियाने वालों की अलॉटमेंट रद्द करने के अलावा केस भी दर्ज किया जाएगा।
बूथ घोटाले की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई न करने की प्रशासन की शिकायत केंद्रीय गृह मंत्रालय तथा सीवीसी को भी की गई है। यही नहीं घोटाले के शिकायतकर्ताओं की तरफ से प्रशासन द्वारा रिपोर्ट पर कार्रवाई न किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की जा रही है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट के पहले चरण में उन लोगों के नाम शामिल हैं जोकि सीधे-सीधे इसके लिए जिम्मेदार हैं।
दूसरे हिस्से में उन लोगों के नाम हैं, जिन पर सीधे-सीधे किसी प्रकार के आरोप नहीं हैं तथा जिनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं। सिर्फ आरोपों के आधार पर जांच की सिफारिश कर दी गई थी। पूर्व एडीसी शेरगिल ने रिपोर्ट में कुछ स्थानीय नेताओं का नाम भी शामिल किया था, प्रशासन का मानना है कि सिर्फ बयानों के आधार पर इसे सही नहीं माना जा सकता।
सीबीआई जांच पर चुप्पी
शेरगिल ने अपनी जांच रिपोर्ट में शहर में अब तक हुई सभी बूथ अलॉटमेंट की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। इसके साथ-साथ बूथ अलॉटमेंट से जुड़ा रिकार्ड सील करने को कहा गया था। प्रशासन ने सीबीआई जांच के नाम पर चुप्पी साधी हुई है तथा अलॉटमेंट से जुड़ा रिकार्ड भी अभी तक सील नहीं किया।
सैकड़ों फर्जी अलॉटमेंट
सेक्टर 41 की कृष्णा मार्केट में अलॉटमेंट की जांच के दौरान 80 से अधिक लोगों की अलॉटमेंट गलत पाई गई थी। शेरगिल ने शहर की अन्य मार्केट में हुई बूथों की अलॉटमेंट में भी घोटाले की आशंका जताई थी। यही नहीं जिन लोगों के नाम फर्जी अलॉटमेंट में सामने आए वह सभी अपने बूथ बेचकर गायब हो गए।