चंडीगढ़. साझा मोर्चा ने अकाली-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस की कई सीटों का राजनीतिक गणित बिगाड़ दिया है। कांग्रेस व अकाली दल की ओर से दरकिनार किए नेता ही सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं। इन दरकिनार नेताओं ने पीपीपी का दामन थाम लिया है। कई सीटों पर चाहे साझा मोर्चे के उम्मीदवार की स्थिति कमजोर नजर आ रही हो लेकिन चुनाव परिणाम के दौरान ये उम्मीदवार बड़ी राजनीतिक पार्टियों का अंकगणित बिगाड़ सकते हैं।
तिकोना मुकाबला
मोहाली में अकाली दल के उम्मीदवार बलवंत सिंह रामू वालिया और कांग्रेस विधायक बलबीर सिंह सिद्धू में पहले चुनावी जंग चल रही थी। साझा मोर्चा से पूर्व डिप्टी स्पीकर और पूर्व कांग्रेस नेता बीर दविंदर सिंह ने चुनाव मैदान में उतर कर मुकाबले को तिकोना बना दिया है।
मौड़ में चुनौती
मौड़ से पीपीपी प्रमुख मनप्रीत सिंह बादल ने भी कांग्रेसी विधायक मंगत राय बंसल और अकाली दल के जनमेजा सिंह सेखों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। मनप्रीत बादल गिदड़बाहा से भी चुनाव लड़ रहे हैं। खरड़ से भी साझा मोर्चा के हरनेक सिंह घडुआं ने कांग्रेस के जगमोहन सिंह कंग और शिरोमणि अकाली दल के उजागर सिंह वडाली के लिए मुसीबत खड़ी की हुई है।
लंबी में अकाली दल की सिरदर्दी
लंबी से शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त व पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ उनके ही सगे भाई गुरदास सिंह बादल ने पीपीपी से चुनाव मैदान में कूदकर उनके लिए सिरदर्दी बढ़ा दी है। फिरोजपुर से पीपीपी के परमिंदर सिंह पिंटू कांग्रेस व अकाली दल के उम्मीदवारों को कड़ी चुनौती दे रहे हैं।
कांग्रेस व अकाली दल के चेहरों से लोग हैं। वे इस बार साझा मोर्चा के उम्मीदवारों को देंगे। अब तक पीपीपी की पंजाब जागो रैली से लेकर इज्जत बचाओ रैली को अच्छा रिस्पांस मिला है। इससे साफ है कि उनके उम्मीदवारों को जनता पसंद कर रही है।
-मनप्रीत सिंह बादल, अध्यक्ष, पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब
मनप्रीत इन चुनाव में पूरी तरह विफल रहेगा। उनके सभी दावे खोखले पड़ जाएंगे। लोग बादल के परिवार की राजनीति के बारे में भली भांति जान चुके हैं चाहे शिरोमणि अकाली दल हो या पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब।
कैप्टन अमरिंदर सिंह, अध्यक्ष, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी
राज्य में हुए विकास को लेकर आम जनता और सभी वर्गो को सहूलियतें देने में अकाली भाजपा सरकार सफल रही है। जहां तक पीपीपी की बात है यह केवल एक पानी के बुलबुले की तरह है। इसका जल्द ही खुलासा हो जाएगा।
सुखबीर सिंह बादल, अध्यक्ष, शिरोमणि अकाली दल
बागी पूर्व कांग्रेसी मंत्री को मनाने पहुंचे केंद्रीय नेता ऑस्कर फर्नाडिस
फरीदकोट. हलका कोटकपूरा से कांग्रेस से टिकट न मिलने के रोष में आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे सीनियर कांग्रेसी नेता उपेंद्र शर्मा व उनके परिवार से बातचीत करने केन्द्रीय मंत्री फर्नाडिस शनिवार शाम गुरु नानक कॉलोनी स्थित उनके आवास पर पहुंचे। हालांकि उपेंद्र शर्मा चुनाव प्रचार में बीजी होने के चलते उनसे नहीं मिल पाए, लेकिन फर्नाडीज ने उनके परिजनों से दो घंटे तक बंद कमरे में बातचीत की।
इसके बाद दिल्ली के लिए रवाना हुए फर्नाडीज ने कहा कि उन्होंने शर्मा परिवार का पक्ष सुनने के साथ साथ अपनी बात उनके समक्ष रख दी है। उन्होंने कहा कि इस वार्ता के बाद उपेंद्र शर्मा जो भी निर्णय लेंगे उन्हें मंजूर होगा। इस मौके पर उपेंद्र शर्मा की बेटी विभा व शालिनी ने कहा कि उनके पिता किसी भी तरह के दबाव से नहीं झुकेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनके पिता सच्चे व सिद्धांतों की लड़ाई में पूर्ण रूप से विजय हासिल करेंगे।
तिकोना मुकाबला
मोहाली में अकाली दल के उम्मीदवार बलवंत सिंह रामू वालिया और कांग्रेस विधायक बलबीर सिंह सिद्धू में पहले चुनावी जंग चल रही थी। साझा मोर्चा से पूर्व डिप्टी स्पीकर और पूर्व कांग्रेस नेता बीर दविंदर सिंह ने चुनाव मैदान में उतर कर मुकाबले को तिकोना बना दिया है।
मौड़ में चुनौती
मौड़ से पीपीपी प्रमुख मनप्रीत सिंह बादल ने भी कांग्रेसी विधायक मंगत राय बंसल और अकाली दल के जनमेजा सिंह सेखों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। मनप्रीत बादल गिदड़बाहा से भी चुनाव लड़ रहे हैं। खरड़ से भी साझा मोर्चा के हरनेक सिंह घडुआं ने कांग्रेस के जगमोहन सिंह कंग और शिरोमणि अकाली दल के उजागर सिंह वडाली के लिए मुसीबत खड़ी की हुई है।
लंबी में अकाली दल की सिरदर्दी
लंबी से शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त व पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ उनके ही सगे भाई गुरदास सिंह बादल ने पीपीपी से चुनाव मैदान में कूदकर उनके लिए सिरदर्दी बढ़ा दी है। फिरोजपुर से पीपीपी के परमिंदर सिंह पिंटू कांग्रेस व अकाली दल के उम्मीदवारों को कड़ी चुनौती दे रहे हैं।
कांग्रेस व अकाली दल के चेहरों से लोग हैं। वे इस बार साझा मोर्चा के उम्मीदवारों को देंगे। अब तक पीपीपी की पंजाब जागो रैली से लेकर इज्जत बचाओ रैली को अच्छा रिस्पांस मिला है। इससे साफ है कि उनके उम्मीदवारों को जनता पसंद कर रही है।
-मनप्रीत सिंह बादल, अध्यक्ष, पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब
मनप्रीत इन चुनाव में पूरी तरह विफल रहेगा। उनके सभी दावे खोखले पड़ जाएंगे। लोग बादल के परिवार की राजनीति के बारे में भली भांति जान चुके हैं चाहे शिरोमणि अकाली दल हो या पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब।
कैप्टन अमरिंदर सिंह, अध्यक्ष, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी
राज्य में हुए विकास को लेकर आम जनता और सभी वर्गो को सहूलियतें देने में अकाली भाजपा सरकार सफल रही है। जहां तक पीपीपी की बात है यह केवल एक पानी के बुलबुले की तरह है। इसका जल्द ही खुलासा हो जाएगा।
सुखबीर सिंह बादल, अध्यक्ष, शिरोमणि अकाली दल
बागी पूर्व कांग्रेसी मंत्री को मनाने पहुंचे केंद्रीय नेता ऑस्कर फर्नाडिस
फरीदकोट. हलका कोटकपूरा से कांग्रेस से टिकट न मिलने के रोष में आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे सीनियर कांग्रेसी नेता उपेंद्र शर्मा व उनके परिवार से बातचीत करने केन्द्रीय मंत्री फर्नाडिस शनिवार शाम गुरु नानक कॉलोनी स्थित उनके आवास पर पहुंचे। हालांकि उपेंद्र शर्मा चुनाव प्रचार में बीजी होने के चलते उनसे नहीं मिल पाए, लेकिन फर्नाडीज ने उनके परिजनों से दो घंटे तक बंद कमरे में बातचीत की।
इसके बाद दिल्ली के लिए रवाना हुए फर्नाडीज ने कहा कि उन्होंने शर्मा परिवार का पक्ष सुनने के साथ साथ अपनी बात उनके समक्ष रख दी है। उन्होंने कहा कि इस वार्ता के बाद उपेंद्र शर्मा जो भी निर्णय लेंगे उन्हें मंजूर होगा। इस मौके पर उपेंद्र शर्मा की बेटी विभा व शालिनी ने कहा कि उनके पिता किसी भी तरह के दबाव से नहीं झुकेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनके पिता सच्चे व सिद्धांतों की लड़ाई में पूर्ण रूप से विजय हासिल करेंगे।