चंडीगढ़. पंजाब में माई भागो विद्या स्कीम के तहत स्कूल के बच्चों को आवंटित डेढ़ लाख साइकिलों की खरीद में नौ करोड़ रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है। स्कीम के तहत साइकिलों की खरीद को जनहित याचिका के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। जस्टिस एमएम कुमार व जस्टिस एके मित्तल की खंडपीठ ने मामले पर पंजाब सरकार के मुख्य सचिव, कंट्रोलर ऑफ स्टोर्स व डीजीपी को 26 मार्च के लिए नोटिस जारी किया है।
अमृतसर निवासी एससी अग्रवाल की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि पंजाब सरकार ने माई भागो विद्या स्कीम के तहत 1 लाख 50 हजार साइकिलें बाजार मूल्य से महंगी खरीदी हैं। कुल 41 करोड़ की इस खरीद में 9 करोड़ का घोटाला किया गया है। याचिका में कहा गया है कि सरकार ने पंजाब विधानसभा चुनाव घोषित होने से ठीक पहले तक अपने राजनीतिक लाभ के चलते साइकिलें आवंटित कीं।
पंजाब सरकार ने इस स्कीम के तहत 20 इंच की प्रति साइकिल 2650 रुपए में व 22 इंच की प्रति साइकिल 2750 रुपए दिए। वहीं बीते वर्ष सितंबर माह में हरियाणा सरकार ने भी एक योजना के तहत काफी साइकिलें खरीदी थीं जिसका मूल्य 2138 रुपए प्रति साइकिल था। हरियाणा सरकार ने इस खरीद की पूरी जानकारी पंजाब सरकार को भी दी थी। बावजूद इसके पंजाब सरकार ने हरियाणा सरकार की उपेक्षा प्रति साईकिल 512 रुपए महंगी खरीदी। इससे सीधे-सीधे राज्य सरकार को 9 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। यही नहीं इतने बड़े स्तर पर खरीद के लिए सरकार ने कोई हाई पावर परचेज कमेटी गठित नहीं की।
अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही सारी खरीदारी की। याचिका में कहा गया कि सरकार यदि साइकिलों की खरीद में सावधानी रखती तो कम से कम नौ करोड़ रुपए के नुकसान से बचा जा सकता था।
अमृतसर निवासी एससी अग्रवाल की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि पंजाब सरकार ने माई भागो विद्या स्कीम के तहत 1 लाख 50 हजार साइकिलें बाजार मूल्य से महंगी खरीदी हैं। कुल 41 करोड़ की इस खरीद में 9 करोड़ का घोटाला किया गया है। याचिका में कहा गया है कि सरकार ने पंजाब विधानसभा चुनाव घोषित होने से ठीक पहले तक अपने राजनीतिक लाभ के चलते साइकिलें आवंटित कीं।
पंजाब सरकार ने इस स्कीम के तहत 20 इंच की प्रति साइकिल 2650 रुपए में व 22 इंच की प्रति साइकिल 2750 रुपए दिए। वहीं बीते वर्ष सितंबर माह में हरियाणा सरकार ने भी एक योजना के तहत काफी साइकिलें खरीदी थीं जिसका मूल्य 2138 रुपए प्रति साइकिल था। हरियाणा सरकार ने इस खरीद की पूरी जानकारी पंजाब सरकार को भी दी थी। बावजूद इसके पंजाब सरकार ने हरियाणा सरकार की उपेक्षा प्रति साईकिल 512 रुपए महंगी खरीदी। इससे सीधे-सीधे राज्य सरकार को 9 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। यही नहीं इतने बड़े स्तर पर खरीद के लिए सरकार ने कोई हाई पावर परचेज कमेटी गठित नहीं की।
अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही सारी खरीदारी की। याचिका में कहा गया कि सरकार यदि साइकिलों की खरीद में सावधानी रखती तो कम से कम नौ करोड़ रुपए के नुकसान से बचा जा सकता था।