Sunday, April 28, 2013

क्या हमारे पडोसी देश.. भारत को - एक कमजोर देश की तरह देखने लगे है ?/

क्या हमारे पडोसी देश.. भारत को - एक कमजोर देश की तरह देखने लगे है ?/? पाकिस्तान जेल में कैदियों द्वारा भारत के सरबजीत.. पर हमले किए जाते है I
#चीन भारत सीमा में उन्नीस किलो मीटर अन्दर घुस गया है
#पाकिस्तान हमारे सैनिको के सर काट के ले जाता है
चीनी घुसपैठ को लेकर एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। खुलासा हुआ है कि चीन ने जमीनी सीमा के अलावा वायु सीमा का भी उल्लंघन किया है। सेना के सूत्रों की मानें तो 21 अप्रैल को चीन के हेलीकॉप्टर कुछ देर हवा में रहे और उसने खाने के पैकेट, सिगरेट पैकेट और अपनी भाषा में लिखे नोट्स जमीन पर गिराए।
भारत को एक बड़ा झटका देते हुए चीनी फौज से साफ कर दिया है कि वो लद्दाख से वापस नहीं जाएंगे। चीन की हिमाकत की हद तो ये है कि - अब वे इस इलाके को अपनी सरहद का हिस्सा बता रहे हैं। और पीछे हटने से इनकार कर दिया है। चीन का दावा है कि जिस इलाके में उसने चौकी बनाई है वो उसका हिस्सा है I
और ये सब किसके राज में हुआ है ,,?? ...इस मामले पर हमारे देश के रक्षा मंत्री का दावा है कि - "चीन और पाकिस्तान से बातचीत जारी है " arry Bhaiya तुम केवल बातचीत ही कर सकते हो, यदि तुममें कुछ करने का दम होता तो – चीन और पाकिस्तान की ऐसा करने की हिम्मत ही नहीं पड़ती l चीन जनता है कि - भारत अपनी रक्षा के लिए अमरीका, रूस, फ्रांस और इजराइल पर निर्भर है aur फिलहाल भारत की सेना युद्ध करने की स्थिति में नहीं है I जबकि चीन अपनी सेना के लिए सभी हथियार खुद बना सकता है l अब जो चीन कहेगा वो हमें सर झुका कर मानना पड़ेगा..I कोई बात नहीं हम फिर से उसे भारत की ज़मीन का टुकड़ा दे देंगे, क्या फर्क पड़ता है........ हमें तो क्रिकेट देखने से ही फुर्सत नहीं l
Ye कैसी बेशर्मी है - सरकार चीन और पाकिस्तान से बातचीत में लगी है, और देश की जनता - IPL देखने में लगी है | चीन कब्ज़ा छोड़ने को तैयार नहीं | पाकिस्तान में भारत के सरबजीत.. पर हमले किए जाते है I
घिघयाने से कोई एक छोटे से छोटे प्लाट का कब्ज़ा नहीं छोड़ता, और सरकार घिघया कर.. चीन से दस किलोमीटर का क्षेत्र छुड़वाना चाहती है | हमारे देश की सीमओं से लगे जितने भी देश है वो एक बात अच्छी तरह जानते है की जितनी जमीन वो 2014 तक लूट सकते है लूट ले..! उसके बाद उन्हें मौका ही नहीं मिलेगा और हो सकता है कि – उनकी सीमाए खतरे में पद जाए......!!
Main to khta hu ki hamein china से सीधी जंग की जरूरत ही नहीं है ......
चीन का आधा बाजार तुम्हारे पास , फौज तुम्हारे पास , जरा आवाज तो - जोर से लगाओ | जितना जोर बाबा रामदेव और मोदी को गरयाने पर लगाते हो, उसका आधा भी चीन पर लगा दिया तो.. क्षण भर में चीन भारतीय जमीन छोड़ कर भाग जाएगा | चीन 10 किमी अंदर आ गया तब भी 'लोकल मुद्दा' है | और दो नौजवान.. तिरंगा लेकर 10 जनपथ के सामने पहुंच जाएं तो भारत का लोकतंत्र खतरे में, लानत है - सरकार..!!
Aur इस बात को पहले भी कहा है ...और अब सुरक्षा विशेषज्ञों का भी कहना है कि अगर तिब्बत में भड़क रही हिंसा को और भड़का दिया जाय ..तो चीन सम्हाल जाएगा !! असल में तिब्बत में लोग चीनी फौज से सालो से लड़ रहे है ...सिर्फ वहा हथियार पहुचाने भर की देरी है !! पर हमारी सरकार पता नहीं किस गीदड़ के संस्कारों को पाल रही है ..!!
बातचीत और वार्तालाप के पथ से यदि समाधान नहीं निकला तो "षड़यन्त्र और अस्त्र शस्त्र की भाषा" से समझाना होगा, जिसमें हम तिब्बत के स्वाधीनता आन्दोलन को सशस्त्र रूप से सहायता करेंगे और परोक्ष रूप से चीन विरोधी भावनाओं को तिब्बतियों में जगायेंगे । बहुत सारे ऐसे देश हैं जो चीन के उत्थान को सहन नहीं कर पा रहें हैं, उनमें से जापान, टाइवान, दक्षिण कोरिया, वियेटनाम, इंडोनेशिया मुख्य देश हैं और अमरिका और रूस तो हैं ही । हमें इन सारे चीन विरोधी देशों की शत्रुता का जमकर फ़ायदा उठाना होगा । चीन ने कई बार हमारी शत्रु पाकिस्तान की सहायता की है, तो फिर हम क्यों चीन के शत्रुओं की सहायता नहीं कर सकते हैं ? गाँधीवादी ढोंग ही यदि हमारी नीति रही तो - निस्सन्देह हम चीन के सामने दुर्बल दिखेंगे परन्तु यदि हम चाणक्य नीति अपनाएं तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी ।

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