Tuesday, April 30, 2013

इंस्पेक्टर अमनजोत केस: जांच अब डीआईजी आलोक करेंगे



 

चंडीगढ़.  चंडीगढ़ पुलिस के सस्पेंड इंस्पेक्टर अमनजोत पर थाना-19 में दर्ज हुए केस की जांच एसएसपी नौनिहाल सिंह और थाना पुलिस से वापस लेकर आईजीपी आरपी उपाध्याय के आदेशों पर डीआईजी आलोक कुमार को दे दी गई है।
 
अब डीआईजी की निगरानी में आर्थिक अपराध शाखा के डीएसपी  रामचंद्र मीना जांच करेंगे। डीएसपी हेडक्वार्टर कृष्ण कुमार इसमें सहयोग करेंगे। सोमवार दोपहर थाना-19 पुलिस ने केस फाइल डीआईजी के पास भेज दी। जांच एकाएक क्यों ट्रांसफर की गई? इस बारे में कोई पुलिस अफसर बोलने को तैयार नहीं।
 
इस केस में आर्थिक अपराध शाखा की टीम सभी गवाहों, चश्मदीदों और शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज करेगी। पुलिस के एक सीनियर अफसर के मुताबिक जब तक जांच की जा रही है, तब तक केस किसी एजेंसी को नहीं भेजा जाएगा। यदि जांच में करोड़ों के लेनदेन की बात साबित होती है, तो केस इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट या इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट को 
भेजा जाएगा।
 
शिकायतकर्ता के बयान दर्ज
 
जांच ट्रांसफर किए जाने से पहले सोमवार सुबह सेक्टर-19 थाने में शिकायतकर्ता हरीश के बयान दर्ज किए गए। इस दौरान हरीश के साथ दो और लोग भी थे। सूत्रों के अनुसार हरीश से दोबारा पूरा वाक्या जाना गया और सीआरपीसी की धारा 161 के तहत बयान दर्ज किए गए। इसके बाद हरीश और उनके साथी एसएसपी नौनिहाल सिंह से मिलने पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचे। वे करीब तीन घंटे तक पुलिस हेडक्वार्टर में रहे, हालांकि एसएसपी से कुछ मिनटों के लिए ही मुलाकात हुई।
 
 
चश्मदीद ने कहा- कुछ नहीं देखा
 
हरीश के बयान पर इंस्पेक्टर अमनजोत पर दर्ज एफआईआर में दो लोगों को चश्मदीद बताया गया है। हरीश का आरोप है कि चार महीने पहले अमनजोत उनकी सेक्टर-20 स्थित दुकान से जबरन तीन लाख रुपए ले गए थे, अर्जुन शू हाउस के मालिक सुनील इसके चश्मदीद हैं।
 
वहीं शनिवार को जब अमनजोत ने उनकी दुकान पर आकर मारपीट, गाली गलौज की तो दुकानदार समर वहीं था। लेकिन सोमवार को थाने में समर ने लिखित बयान दिया कि उसके सामने गाली गलौज नहीं हुई। उसने अमनजोत को आते नहीं देखा। वहीं सूत्रों के मुताबिक दूसरे चश्मदीद सुनील का कहना है कि उसके सामने अमनजोत ने मारपीट, विवाद या पैसे नहीं उठाए। हालांकि सुनील के बयान दर्ज होने से पहले जांच ट्रांसफर हो गई। 
 
मार्केट प्रधान ने कहा- हरीश ने जताया था खतरा
 
सेक्टर 20 मार्केट के प्रधान भूषण ने थाना 19 पुलिस को बयान दर्ज करवाया कि उन्हें दो महीने से पता था कि हरीश और सुदर्शन को अमनजोत परेशान कर रहे हैं। शनिवार को अमनजोत मार्केट में आए और ऊंची आवाज में बोलने लगे। इसके बाद हरीश को समय से पहले ही दुकान बंद करते देखकर, उन्होंने (भूषण ने) कारण पूछा, तो हरीश ने वहां खड़े अमनजोत की तरह इशारा किया। फिर हरीश ने दुकान की चाबी अमनजोत की पकड़ा दी।
 
केस की जांच में कोई कमी न रह जाए, इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए डीआईजी आलोक कुमार को अमनजोत पर दर्ज एफआईआर की जांच का जिम्मा दिया गया है। इस जांच में उनके साथ डीएसपी ईओडब्ल्यू सहयोग करेंगे।
 
-आरपी उपाध्याय, आईजीपी

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