Tuesday, September 8, 2015

गाय रखकर कर सकते हैं वास्तु दोषों का निवारण-स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज

 परम पूजय स्वामी चिन्मय नन्द जी महाराज समय समय पर अपने भक्तो का मार्ग दर्शन करते रहते है आज जब उनके दर्शन हुए तो वास्तु दोष और गाय का जिकर हुआ तो स्वामी जी महाराज के श्री मुख से जो पवितर शब्द निकले उन्हें सुन कर मेरी जिज्ञासा वास्तु और गाय के परति और बड़ गयी !स्वामी जी ने बताया के  गाय का भारतीय संस्कृति में विशिष्ट स्थान है। यह सदा से भारतीय जन-जीवन की धुरी रही है। प्राचीन काल में हमारे देश में सर्वाधिक सम्पन्नता के स्तर का मापक गाय ही हुआ करती थी। देशी-विदेशी चिकित्सा प्रणालियों में गाय की बड़ी महिमा है।  गाय को भी देवता के समान माना गया है। गर्ग संहिता के अनुसार नौ लाख गाय रखने वाले को नंद, पांच लाख गायों के मालिक को उपनंद। दस लाख गाय वला 'वृषभानु' एंव एक करोड़ गायों को पालक को 'नंदराज' कहा जाता था। श्रीकृष्ण का नाम आते ही उनके चारों ओर गाय-बछड़ों एवं गोप-ग्वालों का चित्र हमारे मानस पटल पर आ जाता है।
स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के गोदुग्ध पीने से हमें सतत शक्ति एवं स्फूर्ति मिलती है। गोमूत्र सेवन से शरीर रोगमुक्त होता है।
स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के जिस स्थान पर भवन या घर का निर्माण करना हो तो यदि वहां बछड़े वाली गाय को बांधा जाए तो वहां वास्तु दोषों का निवारण हो जाता है। कार्य निर्विध्न पूरा होता है और समापन तक आर्थिक बाधाएं नहीं आती।
स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के गोधूली का समय विवाह के लिए सर्वोतम माना गया है। जब गायें जंगल से चरकर वापस घर आती है उस समय को गोधूली वेला कहते हैं।
स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के  यात्रा के समय गाय सामने पड़ जाए तो यात्रा सफल होती है।
 स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के किसी भी जन्मपत्री में सूर्य नीच राशि तुला पर हो या अशुभ स्थिति में हो अथवा केतु द्वारा परेशानियां आ रही हो तो गाय की पूजा करनी चाहिए, दोष समाप्त होंगे।
स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया केविष्णु पुराण में कहा गया है जब श्रीकृष्ण पूतना के दुग्धपान से डर गये तो नन्द दम्पनी ने गाय की पूंछ घुमाकर उनकी नजर उतारी और भय का निवारण किया।
स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के संतान लाभ के लिए गाय की सेवा का अच्छा उपाय कहा गया है। शिवपुराण के अनुसार गाय की सेवा करने वालों को यम का भय नहीं रहता।
स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के आयुर्वेद में गाय के घी को आयु कहा गया है। गाय का घी सेवन करने वाला व्यक्ति दीर्घायु होता है।
 स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के गोमूत्र में कार्बोलिक एसिड होता है जो कीटानाशक है और शुद्धता बढ़ाता है। इसमें स्वर्णक्षर मौजूद रहता है जो अति उपयोगी रसायन है।
स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के गाय भारतीय कृषि का आधार है। बिगड़ी भूमि को सुधारने एवं उर्वराशक्ति को बढ़ाने के लिए गोबर का उपयोग हजारों वर्षों से खेती के लिए किया जा रहा है।
 स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के गोमूत्र में सोलह प्रकार के खनिज तत्व होते हैं जो शरीर के रक्षण, पोषण और विकास में सहायक है। इसके समुचित सेवन से रोग-रोधक शक्ति बढ़ती है। शरीर शक्तिशाली एवं चेतनायुक्त होता है।
 स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया केगाय के सींगों का बनावट पिरामिड जैसा होता है। वह एक शक्तिशाली एंटीना के रूप में कार्य करती ह। सींगों की मदद से गाय आकाशीय ऊर्जाओं को शरीर में संचित कर लेती है। वहीं ऊर्जा हमें गोमूत्र, दूध ओर गोबर द्वारा मिलता है।
गाय के दूध में कैरोटीन नामक पदार्थ भैंस के दूध से दस गुना अधिक होता है। भैंस का दूध गर्म करने पर उसके सर्वाधिक पोषक तत्व मर जाते हैं। जबकि गाय का दूध गर्म करने का भी वैसे ही पोषक तत्व विद्यमान रहते हैं।
स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के देशी गाय पूर्णतय शाकाहारी पशु है जबकि जरसी गाय मांसाहारी जंगली पशु है। जरसी गाय के भोजन में मांस का टुकड़ा मिला दिया जाए तो बड़े चाव से खा जाती है।
स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के धार्मिक मान्यता के अनुसार भारतीय गोवंश का उद्गम जंगल से नहीं बल्कि समुद्र मंथन से प्राप्त गोमाताओं से है। वैज्ञानिकों का कहना है कि भारतीय गोवंश का मूल स्रोत 'औरक्तस' नामक पशु है जिसने 18 लाख वर्ष पूर्व भारत में जन्म लिया था।
स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के क्रासबीडिंग करना अथवा विदेशी गायों की ओर देखना छोड़कर हमें अपनी भारतीय नस्ल की गायों को उचित महत्व देना चाहिए।
स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया केगौमाता की कृपा से गोभक्तों का आगामी वंश भी संस्कारवान होता है। गोसेवा करने वाला निश्चिंत रहता है। 

स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के 
जा घर होय तुलसी अरू गाय।
ता धर वैद्य कबहुं नहीं जाए।।
स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने बताया के अगर किसी को भी वास्तु दोष से सम्बंदित कोई जानकारी लेनी हो तो वो मेरे व्हट्सूप नंबर 09050760954 पर संपर्क कर सकता है !

Uploads by drrakeshpunj

Popular Posts

Search This Blog

Popular Posts

followers

style="border:0px;" alt="web tracker"/>