Monday, March 31, 2014

हरसिमरत ने दिए जवाब, बोलीं पंजाब में इंडस्ट्री लाने पर रहेगा फोकस



 

EXCLUSIVE: हरसिमरत ने दिए जवाब, बोलीं पंजाब में इंडस्ट्री लाने पर रहेगा फोकस
जालंधर. अपने अभी तक के पॉलीटिकल करियर में बठिंडा लोकसभा सीट से दूसरा चुनाव लड़ रहीं हरसिमरत कौर बादल के लिए यह चुनाव उनकी अभी तक रही परफोर्मेंस का इम्तिहान है। हरसिमरत का मानना है कि अपना पहला लोकसभा चुनाव उन्होंने बड़े बादल की बदौलत जीता था लेकिन इस बार का चुनाव उनकी अपनी मेहनत और किए विकास कार्यों पर टिका है। हरसिमरत का दावा है कि इस बार सवाल सिर्फ जीत का ही नहीं बल्कि रिकॉर्ड कायम करने का है। मनप्रीत बादल को पूरी तरह से मुकाबले में खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यहां कोई मुकाबला ही नहीं है। 
  • बतौर नेता आप पिछले व इस चुनाव में क्या अंतर महसूस कर रही हैं ?
मैं नॉन पॉलीटिकल थी, मगर मैंने सुखबीर जी के चुनाव में कंपेन की थी। 2009 में हुआ लोकसभा चुनाव पहला तजुर्बा था, जिसमें बड़े बादल साहिब के किए कामों की बदौलत जीत मिली। मगर इस बार का चुनाव मेरी मेहनत और मेरे किए विकास के कामों का इमतिहान है।
  • एनडीए की सरकार बनी तो उसमें बड़े बादल साहब की क्या भूमिका रहेगी ?
अगर बादल साहिब चाहते तो पे्रजीडेंट या वाइस पे्रजीडेंट बन सकते थे। उन्हें किसी ओहदे की जरूरत नहीं है मगर पंजाब को अभी बादल साहब की जरूरत हैं। जहां तक सेंटर की बात है तो इतना विश्वास है कि जो भी पंजाब मांगेगा वो मिलेगा।
  • मनप्रीत बादल आपके परिवार का अहम हिस्सा थे, फिर इतनी दूरी कैसे बन गई ?
मनप्रीत को सीएम की कुर्सी पर बैठने की जल्दी थी, इसीलिए उन्होंने दिल्ली जाकर कांग्रेस से हाथ मिला लिया और कुर्सी के लिए परिवार छोड़ दिया। वह कांग्रेस का मोहरा बन गए। दिल्ली की सरकार ने उनको सपना दिखाया कि हम आपको सीएम बनाएंगे। लेकिल सपने चूर-चूर हो गए। पहले गिदड़बाहा से लड़े, फिर मौड़ से, अब बठिंडा से और आगे भी मुझे पता है कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे।
  • बादल परिवार और मनप्रीत में पैदा हुए पॉलीटिकल डिफरेंसिस का पारिवारिक सांझ पर क्या असर है?
पारिवारिक सांझ बड़े बादल साहब और गुरदास बादल तक ही थी, उनका लोग उदाहरण देते थे। मगर उनके बाद आगे किसी में ऐसा नहीं है। बच्चे बाहर पढ़ते हैं एक दूसरे के टच में रहते हैं। और मैं भी पॉलीटिकल हो गई हूं।
  • अगर जनता आपको दोबारा मौका देती है तो आपका पहला एजेंडा क्या होगा ?
मेरा पहला एजेंडा होगा पंजाब और खासकर मालवा क्षेत्र में इंडस्ट्री लाना। मेरा पहला फोकस इंड्रस्टी लाने पर होगा, दूसरा पंजाब के सिंचाई सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए काम करूंगी। क्योंकि पिछले पांच साल में यूपीए सरकार ने पंजाब के सिंचाई सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए जो 3500 करोड़ की जरूरत थी वो नहीं दिया।
  • यह सब तो आप पिछले पांच साल में भी कर सकती थीं, फिर ऐसा क्यों नहीं हुआ अब तो रिफाइनरी भी आ गई है ?
गांधी परिवार सिक्खों और पंजाब के लोगों से नफरत करता है। इसीलिए पंजाब को उन्होंने कुछ नहीं दिया। पंजाब से गुजरने वाली राजस्थान फीडर की सफाई के लिए 75 फीसदी मदद केंद्र ने दी, जबकि सरहिंद कैनाल के लिए 75 फीसदी फंड राज्य सरकार पर थोप दिया। यहां तक कि आतंकवाद के दौर मे लिया कर्ज तक माफ नहीं किया, जिसका आज तक पंजाब ब्याज चुका रहा है। जहां तक रिफाइनरी की बात है किसी भी काम में समय लगता है। बहुत जल्द रिफाइनरी की सहयोगी इंडस्ट्री भी बठिंडा में लगेगी।

Uploads by drrakeshpunj

Popular Posts

Search This Blog

Popular Posts

followers

style="border:0px;" alt="web tracker"/>