Wednesday, December 22, 2010

एसजीपीसी बताएगी सिख की पहचान’


अमृतसर। एसजीपीसी ने विदेशी मुल्कों को सिख की पहचान बताने का फैसला लिया है। गुरु नानक निवास में मंगलवार को एसजीपीसी की बैठक में प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ ने बताया कि सिख इतिहास और सिख की आन-शान की प्रतीक पगड़ी का महत्व बताने के लिए धार्मिक साहित्य व ब्रोशर छपवाए जाएंगे।

हालांकि, प्रधान मक्कड़ ने इनकी संख्या और वितरण प्रणाली को लेकर कोई खुलासा नहीं किया, लेकिन उनका कहना है कि यह साहित्य कम से कम 10 विदेशी भाषाओं में प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यूएनओ की सदस्यता हासिल मुल्कों के दूतावासों को ज्ञापन के रूप में यह साहित्य और ब्रोशर सौंपे जाएंगे। एसजीपीसी विदेशों में कार्यालय भी खोलेगी। इनमें साहित्य की छपाई के लिए प्रिटिंग प्रैस लगाई जाएगी। इन सेंटरों के माध्यम से विदेशों में सिखी का प्रचार व प्रसार किया जाएगा। इसका उद्देश्य सभी मुल्कों को यह बताना है कि सिख की अलग पहचान है और पगड़ी केवल सिर का पहरावा ही नहीं, बल्कि आन व शान का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि वाशिंगटन में सेंटर के लिए जगह खरीद ली गई है। जल्द ही यहां सैंटर खोल दिया जाएगा। अन्य देशों में भी सैंटरों के लिए जगह खरीदने के प्रयास जारी हैं।

दो घंटे दिया जाएगा धरना
प्रधान मक्कड़ ने बताया कि दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के सामने 23 को दिया जाने वाला धरना पूर्णता शांतमय होगा। एसजीपीसी के नेतृत्व में जत्था सुबह 11 बजे गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब (दिल्ली) से दूतावास कार्यालय के लिए रवाना होगा।

दो घंटे तक दिए जाने वाले धरने में समस्त सिख जत्थेबंदियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान परमजीत सिंह सरना के धरने में शामिल न होने की अटकलों के बीच मक्कड़ ने कहा कि एसजीपीसी ने उक्त धार्मिक मिशन के लिए समस्त संस्थाओं को शामिल होने का खुला निमंत्रण दिया है। बतौर, सिख सरना को भी इसमें शामिल होना चाहिए। उन्होंने सिख संगत से धरने में बढ़-चढ़कर शामिल होने की अपील की।

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