Saturday, December 4, 2010

बाबा की माया, एक विरोधी नहीं आया


बाबा रामदेव के हिमाचल आगमन पर किसी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ। बाबा दोपहर लगभग 12 बजे परवाणू बैरियर पहुंचे, जहां उनका लोगों ने स्वागत किया। वह यहां से सीधे सोलन चले गए। गौरतलब है कि इंटक की युवा इकाई ने बाबा का घेराव व काले झंडे दिखाने की चेतावनी दी थी। प्रदेश इंटक अध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह ने बताया कि इंटक योग गुरु के तौर पर बाबा रामदेव का सम्मान करती है, लेकिन प्रदेश हितों से खिलवाड़ को सहन नहीं किया जाएगा।

मेरी जान को खतरा

स्वामी रामदेव ने कहा कि मेरा काम खतरनाक है। ऐसे में संभव है कि मेरे दुश्मन भी हैं। विदेशी नहीं चाहते कि एक भारतीय का प्रभाव दुनिया में बढ़े।

दूध के भाव बिकेगा गोमूत्र

गोमूत्र भी अब दूध के भाव बिकेगा। यह संभव होगा स्वामी रामदेव की योजना से। स्वामी उत्तराखंड की तर्ज पर हिमाचल में भी गोमूत्र को गाय के दूध के बराबर भाव में खरीदेंगे। साधुपुल में स्थापित होने वाले योगपीठ के प्रोसेसिंग यूनिट में जल्द ही गोमूत्र की खरीद शुरू हो जाएगी। स्वामी ने कहा कि गोमूत्र कई गुणकारी तत्वों से भरपूर होता है।

...वही मेरी जमीन

उन्होंने कहा कि प्रांत की भलाई के लिए किए जा रहे कार्य का विरोध नहीं हो सकता। कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता इसका विरोध भी नहीं कर रहा। जहां तक जमीन की बात है तो मैं जहां भी खड़ा हो जाऊं, कोई भी मुझे एक मिनट में जमीन दे देगा। यह तो बस जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा है। इस पर राजनीति न की जाए।

100 गांवों को आदर्श बनाएंगे

देश के 100 गांवों को आदर्श बनाने का बीड़ा उठाया है। इन गांवों में स्वरोजगार के लिए लघु उद्योग लगाए जाएंगे। इसमें एक करोड़ से 10 करोड़ रुपए पूंजी लगेगी। यह पूंजी स्थानीय लोग लगा सकते हैं, पैसा न होने पर बाहरी लोगों का प्रोजेक्ट दिया जाएगा।

बच्चों में भी डायबिटिज

कम उम्र के बच्चे भी डायबिटिज का शिकार हो रहे हैं। बढ़ते प्रदूषण व फसलों में प्रयोग की जा रही रसायनिक खाद के प्रभाव से लोगों में ब्लड प्रेशर, डायबिटिज, तनाव, थाईराइड और हैपेटाइटिस जैसी बीमारी पनप रही है। करीब एक करोड़ बच्चे डायबिटिज से ग्रस्त हैं।

इससे बच्चे छोटी उम्र में ही आंखों की रोशनी गंवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को बुखार, टाइफाइड व पेट के कीड़े मारने वाली दवाओं से डीएनए सेल कमजोर हो जाते हैं जिससे डायबिटिज होने का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि इस खतरे को देखते हुए चिकित्सकों को दवा लिखने में सावधानी बरतनी चाहिए। जल व वायु प्रदुषण सहित फसलों में रसायनिक खाद के प्रभाव से कई असाध्य बीमारियों पनप रही हैं।

इसमें ब्लड कैंसर, ब्रेन टयूमर जैसी घातक बीमारियों प्रमुख है। बाबा ने कहा कि आज की जीवन शैली में घर अस्पताल में और शरीर दवा खाना में बदल चुका है। तनाव व नशे के कारण लोगों की आयु कम हो रही है। यही कारण है कि देश में हर वर्ष दवाओं व बीमारियों की जांच में करीब १० लाख करोड़ खर्च किए जा रहे हैं।

योग से आरोग्यता संभव

बाबा रामदेव ने कहा कि योग से रोग मिटाना संभव है, जिसके वैज्ञानिक प्रमाण भी सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा योग एवं प्राणायाम से हार्ट अटैक, कैंसर व ब्रैन टयूमर नहीं होता। उन्होंने कहा कि योग संपूर्ण जीवन दर्शन है। इससे आदर्श व सच्चे नागरिक का सृजन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक, आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र सुधार के लिए भी योग सबल है

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