बदनाम बस्ती की लाचार बेटियां (Punj)
देश में कोई 1100 बदनाम बस्तियां हैं जिन्हें रेड लाईट एरिया कहा जाता है। इन बदनाम बस्तियों में 54 लाख बच्चे रहते हैं. इन 54 लाख बच्चों में कोई 60 फीसदी लड़कियां हैं. बदनाम बस्तियों की ये बेटियां होनहार तो हैं लेकिन लाचार हैं. वे पढ़ना चाहती हैं और मुख्यधारा का जीवन जीना चाती हैं. लेकिन परिस्थियां उनके लिए सबसे बड़ी बेड़ी नजर आती है. यहां पैदा होनेवाली बेटियों की मां भी अपनी बेटियों को सम्मान की जिंदगी देना चाहती हैं लेकिन एक सीमा के बाद उनके हाथ भी बंधे नजर आते हैं. इन इलाकों में वेश्यावृत्ति में शामिल महिलाएं न केवल अपने बच्चों को पालना चाहती हैं बल्कि उनको एक बेहतर भविष्य देना चाहती हैं. अपवाद स्वरूप ऐसे उदाहरण भी नजर आते हैं जब बदनाम बस्तियों की बेटियों ने नाम कमाया है लेकिन यह अपवाद ही hai.
महज छह या सात साल की उम्र होगी सना की। सौ तक गिनती, इंग्लिश अल्फावेट और छोटी - छोटी पोइम धडाघड बोलती है। दिल्ली के बदनाम जीबी रोड के कोठा नंबर 59 में रहने वाली सना को पढने का शौक है। स्कूल के नाम से उसकी आंखों में चमक आ जाती है। वह पढना चाहती है। लेकिन उसके लिए शायद पढना मुमकिन नहीं। उसका कोई बाप नहीं है और मां अब कमाने की स्थिति में नहीं हैं या फिर उतना नही कमा पाती जिसमें कि अपनी बेटियों को बेहतर िशक्षा दिलवा सकें। दिल्ली के जी बी रोड स्थित रेड लाइट एरिया के दूसरे कोठों पर भी छोटी छोटी उमर की लडकियां हाथों में कापी किताब लिए िशक्षा के साथ साथ अपने भाग्य लिखने की कोिशश कर रही हैं। इनमें से कुछ अभी स्कूल जाती हैं और ज्यादातर का स्कूल से नाता छूट टूट चुका है। भले ही आप को यह सब अटपटा सा लगे किन्तु सच यही है इस बदनाम बस्ती में रहने वाली वेश्याओं की इन नन्हीं बेटियों का, जिनकी आंखों में सपने तो हैं लेकिन उन्हीं आंखों के सामने हैं उनके मजबूर हालात। आखिर क्यों ?
`इस प्रश्न के जबाव में रूबीना बताती है कि साहब अगर हमारे पास पैसे होते तो हम इतनी दूर से इस गंदगी में ही क्यों आते। जो थोडा बहुत हम कमाते हैं उसमें हमारा खर्चा और फिर बाकी बचा हमें अपने घर भी देना पडता है। और दिल्ली में पढाई वैसे ही बहुत महंगी है। ऐसे में हम क्या करें।´ तो क्या आप अपनी बेटियों को भी इसी धंघे में? प्रश्न पूरा होने से पहले ही सीमा बताती है कि `मैंने तो अपने एक बच्चे को अपने गांव भेज दिया है और एक छोटी बेटी है जो अभी तीन साल की है एक साल बाद उसे भी गांव भेज दूंगी।´ किन्तु सीमा जैसी व्यवस्था सलमा के साथ नहीं है। उसने तो `जो खुदा को मंजूर´ कह कर अपनी बेवसी की मुहर लगा दी। इन वेश्याओं की बेटियों के बारे में हमें ज्यादा जानकारी मिलि यहां रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शेरसिंह से। उसने हमें बताया कि साहब यहां लडकियां है जो पढ रही है और कुछ तो नौकरी कर रही हैं।
दो लडकियां नोएडा में एक मल्टीनेशनल बीपीओ में है एक लडकी रोहिणी कोर्ट में बतौर क्लर्क काम करती है और भी लडकियां है जो पढ़ रही हैं उनमें से कई हमेशा फर्स्ट भी आती है। लेकिन साहब बस ऐसी गिनी चुनी ही हैैं। बाकी तो मेरे सामने पैदा हुई और अब अपनी मां की तरह इसी धंधे पर। मुझे तो चालीस साल से ज्यादा हो गए देखते हुए। यहां सब ऐसे ही चलता है। क्या सरकार ने कुछ नहीं किया आज तक ? अजी साहब सरकार ने क्या करना है सब कहने सुनने की बातें हैं और सरकार के काम काज का तरीका तो आप जानते ही हैं। एक राशन कार्ड बनवाने के लिए दफ्तरों के कितने चक्कर काटने पडते हैं। आप भी जानते हो। ऐसे में ये वेश्याएं, एक तो ज्यादातर अनपढ हैं ऊपर से अपनी रोजी रोटी छोड कर स्कूल में एडमिशन के लिए कहां धक्के खाती फिरेंगी। फिर यहां का माहौल तो आप देख ही रहे हो बडा होता बच्चा क्या समझता नहीं कि उनकी मां क्या करती है। ऐसे माहौल में कौन पढ पाएगा भला।
गैर सरकारी संगठन फ्रेण्ड्स सोसायटी फॉर रिहेब्लिटेशन, इलनेस, एजुकेशन, नेचर एण्ड डवलपमेंट की प्रोग्राम कॉर्डिनेटर पूजा गुप्ता के अनुसार देश के 1100 रेड लाइट एरिया में रहने वाली वेश्याओं के बच्चों की संख्या करीब 54 लाख हैं। इनमें भी लडकियों का अनुपात करीब 60 प्रतिशत है। इनमें से सरकारी, गैर सरकारी और निजी प्रयासों के चलते अपर प्राइमरी स्तर से इतर िशक्षा पाने वाली लडकियों की तादाद महज कुछ हजारों में ही है। सैकण्डरी के बाद के आकडे तो अफसोसजनक स्थिति में बदल जाते हैं। पूजा बताती है कि बात सिर्फ पढने तक सीमित नहीं है। जवान होती लडकियों के लिए समस्याएं और भी हैं। वोकेशनल िशक्षा के अभाव में वे कोई अन्य रोजगार करने में सक्षम नहीं हैं। इसके अलावा रेड लाइट एरिया में रहने के कारण बाकी समाज से उनका कटाव रहता है अत: किसी अच्छे आदमी के साथ शादी करके घर बसाकर सम्मानपूर्वक जिंदगी बसर करना उनके लिए कल्पना से परे है। ऐसा नहीं कि इन बिच्चयों की मासूस आंखों के सपनों से इनकी मां अनभिज्ञ हो। अपने बच्चों को बेहतर जिंदगी न दे सकने का दर्द उनके चेहरे पर साफ झलकता है। किन्तु गरीबी के साथ साथ वैश्या होने का ठप्पा लग जाने की वजह से वे समाज और सरकार से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर पाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाती हैं।
अपवादों को छोड दिया जाए तो इन बेटियों के नसीब को बदलने की क्षमता उनमें नहीं हैै। बस उनकी किस्मत में जिस्म बेचना है और इसी से वे बमुिश्कल अपनी गुजर बसर कर पाती हैं। वैसे भी पेट की भूख के आगे बदन का सौदा तक कर देने वाली इन वेश्याओं को पढाई लिखाई जैसी बातें बेमानी नजर आती है। अलबत्ता, अहम प्रश्न ये है कि क्या देश में लडकियों की घटती संख्या पर चिंता कर कोख में लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या को कानूनन अपराध घांशित करने वाली सरकार को इन लडकियों की सामाजिक सुरक्षा के दायित्व की जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए।
(नोट - पहचान छुपाने के लिए नाम परिवर्तित कर दिए गए हैं।)
Uploads by drrakeshpunj
Popular Posts
-
कामशक्ति को बढ़ाने वाले उपाय (संभोगशक्ति बढ़ाना) परिचय - कोई भी स्त्री या पुरुष जब दूसरे लिंग के प्रति आर्कषण महसूस करने लगता है तो उस...
-
यूं तो सेक्स करने का कोई निश्चित समय नहीं होता, लेकिन क्या आप जानते हैं सेक्स का सही समय क्या है? बात अजीब जरुर लग रही होगी लेकिन एक अ...
-
भारतीय इतिहास के पन्नो में यह लिखा है कि ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज के लिए बनवाया था। वह मुमताज से प्यार करता था। दुनिया भर ...
-
फरीदाबाद: यह एक कहानी नही बल्कि सच्चाई है के एक 12 साल की बच्ची जिसको शादी का झांसा देकर पहले तो एक युवक अपने साथ भगा लाया। फिर उससे आठ साल...
-
surya kameshti maha yagya on dated 15 feb 2013 to 18 feb 2013 Posted on February 7, 2013 at 8:50 PM delete edit com...
-
किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को बल प्रदान करने और उनका अनिष्ट फल रोकने हेतु रत्नों द्वारा ग्रहों का दुष्प्रभाव र...
-
किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को बल प्रदान करने और उनका अनिष्ट फल रोकने हेतु रत्नों द्वारा ग्रहों का दुष्प्रभाव र...
-
महाभारत ऐसा महाकाव्य है, जिसके बारे में जानते तो दुनिया भर के लोग हैं, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बहुत...
-
नई दिल्ली. रोहिणी सेक्टर-18 में एक कलयुगी मौसा द्वारा 12 वर्षीय बच्ची के साथ कई महीनों तक दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया। मामले का ...
-
लखनऊ: भ्रष्टाचारों के आरोपों से घिरे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को बीजेपी में शामिल करने पर पूर्व मुख्यमंत्री और जन क्...
Search This Blog
Popular Posts
-
कामशक्ति को बढ़ाने वाले उपाय (संभोगशक्ति बढ़ाना) परिचय - कोई भी स्त्री या पुरुष जब दूसरे लिंग के प्रति आर्कषण महसूस करने लगता है तो उस...
-
यूं तो सेक्स करने का कोई निश्चित समय नहीं होता, लेकिन क्या आप जानते हैं सेक्स का सही समय क्या है? बात अजीब जरुर लग रही होगी लेकिन एक अ...
-
भारतीय इतिहास के पन्नो में यह लिखा है कि ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज के लिए बनवाया था। वह मुमताज से प्यार करता था। दुनिया भर ...
-
फरीदाबाद: यह एक कहानी नही बल्कि सच्चाई है के एक 12 साल की बच्ची जिसको शादी का झांसा देकर पहले तो एक युवक अपने साथ भगा लाया। फिर उससे आठ साल...
-
surya kameshti maha yagya on dated 15 feb 2013 to 18 feb 2013 Posted on February 7, 2013 at 8:50 PM delete edit com...
-
किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को बल प्रदान करने और उनका अनिष्ट फल रोकने हेतु रत्नों द्वारा ग्रहों का दुष्प्रभाव र...
-
किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को बल प्रदान करने और उनका अनिष्ट फल रोकने हेतु रत्नों द्वारा ग्रहों का दुष्प्रभाव र...
-
महाभारत ऐसा महाकाव्य है, जिसके बारे में जानते तो दुनिया भर के लोग हैं, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बहुत...
-
नई दिल्ली. रोहिणी सेक्टर-18 में एक कलयुगी मौसा द्वारा 12 वर्षीय बच्ची के साथ कई महीनों तक दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया। मामले का ...
-
लखनऊ: भ्रष्टाचारों के आरोपों से घिरे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को बीजेपी में शामिल करने पर पूर्व मुख्यमंत्री और जन क्...
followers
style="border:0px;" alt="web tracker"/>