Wednesday, December 22, 2010

कांग्रेस के सिख नेता निजी तौर पर लड़ेंगे एसजीपीसी चुनाव:कैप्टन


लुधियाना.एसजीपीसी चुनावों में कांग्रेस पार्टी भाग नहीं लेगी लेकिन पार्टी के सिख नेता व कार्यकर्ता तो इन चुनावों में निजी तौर पर भाग लेंगे। सिटी सेंटर मामले में पेशी पर पहुंचे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को यह बातें कहीं। कैप्टन ने कहा कि पंजाब की अकाली भाजपा गठबंधन सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। गठबंधन के नेता तरक्की का ढिंढोरा पीटते हुए घूम रहे हैं जबकि सूबे की हालत दिन ब दिन बदहाल हो रही है। पंजाब में विकास की दर चार फीसदी है जबकि पड़ोसी राज्य में 17 फीसदी व गुजरात में 27 फीसदीी विकास दर है। उन्होंने कहा कि बादल किस आधार पर कह रहे हैं कि पंजाब तरक्की कर रहा है जबकि पंजाब का उद्योग व अर्थव्यवस्था तबाही के कगार पर पहुंच चुकी है। कोई किसी एक वर्ग को खुश नहीं कर पाई।
पानी की रायलटी के मुद्दे पर कैप्टन ने कहा कि बादल की ओर से पानी के लिए रायलटी मांगना अनुचित है। अगर सभी प्रदेश अपनी नदियों या नहरों के पानी की रायलटी मांगने लग गए तो राज्यों में आपस में घमासान छिड़ जाएगा। पंजाब में आने वाली कई नदियों की उत्पति कहीं और से होती है। अगर उस प्रदेश के मुख्यमंत्री पंजाब से रायलटी मांगना शुरू कर दें तो सरकार क्या जवाब देगी। कैप्टन ने कहा कि बादल की आधारहीन मुद्दों पर राजनीति करने की पुरानी आदत है। इन संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति कर बादल लोगों को भड़काते रहे हैं।
पंजाब प्रदेश प्रधान के चुनाव के मुद्दे पर कैप्टन ने कहा कि प्रधान पद का चुनाव अगले कुछ महीनों तक होने की संभावना फिलहाल नहीं है, क्योंकि आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रधान पद के चुनाव 27 जुलाई को होने हैं। इसकी प्रक्रिया कई राज्यों में पूरी नहीं हुई है। यह प्रक्रिया मुकम्मल होने के बाद ही हाईकमान प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव पर विचार करेगी।
पंजाब में नक्सलवाद की समस्या पर कैप्टन ने कहा कि नक्सलवाद कानून व व्यवस्था की समस्या नहीं है बल्कि इस मूल कारण सामाजिक व आर्थिक कमजोरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों को आपस में तालमेल बिठाकर ऐसी नीतियां बनानी चाहिए कि लोग आर्थिक रूप से मजबूत हों। जब आम आदमी आर्थिक रूप से मजबूत होगा, तभी वह देश या प्रदेश हित के बारे में सोच सकेगा।
उन्होंने कहा कि बादल सरकार की गलत नीतियों के कारण इन्हें उखाड़ फेंकना जरूरी है। इसलिए सरकार विरोधी जितने भी राजनीतिक दल, सामाजिक वर्ग हैं, उन्हें एकजुट होकर काम करना चाहिए। इस मौके सुरिंदर डाबर, गुरदेव लापरां, नाहर सिंह गिल, केके बावा, जगजीवन पाल सिंह, सुशील मल्होत्रा कुलबीर सिंह सिद्धू समेत सैंकड़ों की तादाद में कांग्रेसी मौजूद थे।

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