Sunday, January 9, 2011

भगत सिंह की भांजी को है 21 साल से इंसाफ का इंतजार

होशियारपुर। शहीद ए आजम भगत सिंह के परिजन अपने एक रिश्तेदार को न्याय दिलाने के लिए पिछले 21 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि जब पंजाब में आतंकवाद चरम पर था उस दौरान पुलिस ने उनके रिश्तेदार की हत्या कर दी थी। वह 1989 से ही लापता हैं। भगत सिंह की भांजी सुरजीत कौर के परिवार को उम्मीद है कि वे 45 वर्षीय कुलजीत सिंह दहत के लिए न्याय हासिल कर सकेंगी। अम्बाला के जत्तन गांव के रहने वाले कुलजीत 1989 में रहस्यमय ढंग से गायब हो गए थे।


सुरजीत कौर, भगत सिंह की छोटी बहन प्रकाश कौर की बेटी हैं। वह कहती हैं कि उनके नजदीकी रिश्तेदार कुलजीत को 1989 में होशियारपुर के गरही गांव से पंजाब पुलिस ने पकड़ा था। उन दिनों (1981-95) पंजाब में सिख आतंकवाद चरम पर था। इसी सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय को मामला समाप्त करने के दिशा-निर्देश दिए हैं और होशियारपुर के सत्र न्यायालय को इस साल के मार्च तक मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए कहा है। जिसके बाद से सुरजीत को न्याय मिलने की उम्मीद है।


सुरजीत का परिवार 1989 से ही कुलजीत की रिहाई के लिए प्रयासरत था। बाद में पुलिस ने कहा कि जब कुलजीत को हथियारों की पहचान के लिए ब्यास नदी के नजदीक ले जाया गया था तो वह उसकी गिरफ्त से निकलकर भाग गया था। प्रकाश कौर ने सितम्बर 1989 में सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित किया। आयोग ने अक्टूबर 1993 में अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में पंजाब पुलिस अधिकारियों की ओर इशारा किया गया और कहा गया कि पुलिस की कुलजीत के भागने की कहानी काल्पनिक है।


सुरजीत ने बताया, "जांच रिपोर्ट आने के बावजूद अक्टूबर 1996 तक मामले में कुछ नहीं हुआ। साल 1996 में सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में पंजाब पुलिस के पांच अधिकारियों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करने का आदेश दिया। कई सुनवाईयों और 21 साल तक चली लम्बी लड़ाई के बावजूद हम मामले में न्याय मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।"

Uploads by drrakeshpunj

Popular Posts

Search This Blog

Popular Posts

followers

style="border:0px;" alt="web tracker"/>