Saturday, January 15, 2011

वोट की जंग में उतरे नेता

मुक्तसर। मुक्तसर की जनसभा में सरकार और कैप्टन के मुकाबले मनप्रीत की रैली में भारी संख्या में लोगों ने उमड़कर इनके खिलाफ खतरे की घंटी बजा दी। बगैर कोई राजनीतिक संगठन खड़ा किए मनप्रीत ने शानदार रैली कर विरोधियों को अपनी ताकत का एहसास कराया। वहीं जनता ने भी यह जाहिर कर दिया है कि वह बगैर किसी दबाव के रैली में आई। इसका अंदाजा मुक्तसर के चारों ओर लगे लंबे जामों से लगाया जा सकता था। मुक्तसर जिला प्रशासन रैली के रश को नियंत्रित करने में बिल्कुल नाकाम रहा। अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने भी रश इकट्ठा करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी, लेकिन कैप्टन की सभा में लोगों का जोश कम नजर आया।

मनप्रीत की सभा में भारी संख्या में आए लोगों को हालांकि यह आशा थी कि वह आज यहां कोई प्रोग्राम देंगे लेकिन उन्होंने केवल इतना कहा, मैं यहां वोट मांगने नहीं, बल्कि आप लोगों को इंसाफ और इंकलाब के लिए तैयार करने आया हूं। इससे रैली में आए लोगों में निराशा हुई। यही नहीं उन्होंने नई राजनीतिक पार्टी बनाने के बारे में भी कुछ नहीं बोला। बेशक उनके मंच से उनके समर्थक बीर दविंदर सिंह ने प्रस्ताव पारित करते हुए यह जरूर कहा कि 23 मार्च तक राजनीतिक पार्टी की संभावनाओं की तलाश जरूर की जाए।

दूसरी ओर अकाली दल की रैली में मुख्यमंत्री ने अपना भाषण केंद्र सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार पर केंद्रित रखा तो उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल अपनी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यो को गिनवाते रहे। कैप्टन ने फिर से अपना सुर बादल परिवार पर केंद्रित रखते हुए अफसरों को सबक सीखाने की चेतावनी दी।

अकाली नेताओं की क्लास लगाएंगे सुखबीर
सुखबीर सिंह बाजवा चंडीगढ़। मनप्रीत की रैली की सफलता ने शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस को सोचने पर मजबूर कर दिया। मेले में सबसे ज्यादा भीड़ शिअद की रैली में और उससे कम मनप्रीत बादल की रैली में रही। इस मामले में कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। मनप्रीत की रैली की सफलता को देखते हुए शिरोमणि अकाली दल के कई नेताओं की क्लास लगनी तय मानी जा रही है। मनप्रीत ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उपमुख्यमंत्री सुखबीर चिंता बढ़ा दी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब उन नेताओं की खैर नहीं, जिनकी ड्यूटियां माघी मेले में भीड़ जुटाने के लिए लगी थी। जल्द ही उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ऐसे नेताओं की क्लास लेंगे, जो ड्यूटी ढंग से नहीं निभा पाए। सुखबीर भीड़ जुटाने वाले नेताओं की रिपोर्ट तलब करेंगे।

कांग्रेस को भी सोचने पर किया मजबूर
मनप्रीत की रैली की सफलता ने कांग्रेस को मंथन पर मजबूर कर दिया है। पंजाब में पहले कांग्रेस का मुकाबला अकाली-भाजपा से ही था, लेकिन मनप्रीत की लगातार दूसरी रैली की सफलता ने कांग्रेस को जता दिया कि अब मुकाबला अकाली-भाजपा के साथ-साथ मनप्रीत से भी है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस पर मंथन करेगी।

विधानसभा चुनाव में नुकसान करेंगे मनप्रीत
मनप्रीत की बढ़ती लोकप्रियता और उनकी रैलियों की सफलता देखते हुए राजनीतिक गलियारों में चर्चा गरम हो गई है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में शिअद और कांग्रेस दोनों को नुकसान पहुंचाएंगे। पहले जहां शिअद मनप्रीत को गंभीरता से नहीं ले रहा था, वहीं कांग्रेस भी उन्हें हल्के में ले रही थी। लेकिन उनकी रैलियों की सफलता देखते हुए अब दोनों पार्टियों ने उन्हें गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है

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