Sunday, January 9, 2011

धज्जियां उड़ा रही फैक्टरियां

कादियां/अमृतसर। धारीवाल में रिहायशी घर में पटाखों से लगी आग से आधा दर्जन लोगों की जान चली गई। गांव फज्जुपुर कोई ऐसा पहला गांव नहीं यहां घर में पटाखे बन रहे थे। जिला के कस्बा कादियां और बटाला में भी कई घर ऐसे हैं यहां पर पटाखे बनाए जाते हैं और कई जगह ऐसे हादसे भी हो चुके हैं। कादियां में भी कुछ लोग बिना लाईसैंस के पटाखा फैक्टरियां चला रहे हैं। इस बारे में अनेक बार समाचार प्रकाशित होने के बावजूद प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है है।

शायद प्रशासन कादियां में धारीवाल जैसी किसी घटना के इंतजार में हैं। गौरतलब है कि अजादी से पूर्व गफूर नामक मुस्लिम कारीगर विभाजन के बाद पाकिस्तान चला गया हो लेकिन उसके द्वारा आतिशबाजी के सिखाये गये गुरों को कादियां के कुछ आतिशबाज आज भी अपनाते हुये अपनी अजीविका कमा रहे हैं। बटाला से कादियां तक चार फैक्ट्रीयों में आतिशबाजी बनाई जा रही है। गफूर के जाने के बाद उसके शिष्य हजारा सिंह ने रामपुरा रोड पर आतिशबाजी का काम संभाल लिया। 70 के दशक में अचानक एक दिन उसके कार्यस्थल को आग लग गई जिसमें फैक्ट्ररी मालिक था कारीगर अपनी जान से हाथ गंवा बैठे।

हजारा सिंह के पश्चात उसके पुत्रों ने इस व्यवसाय को आगे बढ़ाया तथा अन्य स्थान पर फैक्टरी लगा कर काम को दो भागों में विभाजित कर लिया। फिर दोबारा एक बार फिर रामपुरा रोड पर दोबारा आग लगी दो कारीगरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इसी तरह हरचोवाल रोड पर भी फैक्टरी में आग लग चुकी है।

स्कूल के निकट पटाखा फैक्टरी
गौरतलब है कि एक पटाखा फैकटरी तो ऐसी है जिसके 50 गज की दूरी पर एक सीनियर सैकण्डरी स्कूल भी है जहां प्रतिदिन हजारों बच्चों शिक्षा हासिल करने के लिये जाते हैं।

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