दिल्ली/चंडीगढ़. सोमवार को दिल्ली में योजना कमीशन के डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंह आहलूवालिया और पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के बीच हुई बैठक के बाद राज्य की वर्ष 2012-13 की 14000 करोड़ रुपए की वार्षिक योजना को स्वीकृति दे दी गई है। ये पिछले साल के मुकाबले 22 फीसदी अधिक है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योजना में केंद्र की अतिरिक्त एकमुश्त सहायता राशि का 480 करोड़ रुपया भी शामिल है। इसका 30 फीसदी यानी 144 करोड़ रुपया भारत सरकार की ओर से अनुदान के रूप में और 70 फीसदी यानि 356 करोड़ रुपया प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे जल क्षेत्र में परियोजनाएं लागू करने के लिए हिस्सेदारी के रूप में होगा। इससे पहले अधिकारी स्तर पर गत अप्रैल में हुई बैठक में योजना का स्वरूप महज 12800 करोड़ आंका गया था, लेकिन मुख्यमंत्री प्रकाश की दखलअंदाजी के बाद इसे बढ़ाया गया है।
युवकों को देंगे औद्योगिक प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निजी आग्रह पर प्लानिंग कमीशन ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने पंजाब के सीमावर्ती जिलों के युवकों को औद्योगिक प्रशिक्षण और दक्षता प्रदान करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया करवाने और मालवा क्षेत्र में एक कैंसर रिसर्च सेंटर खोलने को सैद्धांतिक रूप में स्वीकृति दे दी है। वार्तालाप में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री बादल ने कहा कि योजनाओं को फिर से तथा और कठोरता से तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में कहीं नक्सलवाद है तो कहीं उग्रवाद है। उनका मानना है कि सभी राज्यों की स्थिति एक जैसी नहीं है इसलिए सभी को एक जैसी योजनाएं नहीं लागू की जा सकती।
फिर उठाया कर्ज माफी का मामला
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के पलायन के लिए राज्य को ही दोषी नहीं माना जाना चाहिए बल्कि इसने आतंकवाद से एक लंबी लड़ाई लड़ी है। इसके लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों पर इसे 11000 करोड़ का खर्च वहन करना पड़ा। इसके अतिरिक्त पड़ोसी राज्यों में विभिन्न औद्योगिक सहायता योजनाएं और पंजाब पर टैक्स की भारी मार के चलते ये 77585 करोड़ के कर्ज के बोझ तले दब गया।
बादल ने 23262 करोड़ के लघु बचत कर्ज की तुरंत माफी की वकालत करते हुए कहा कि पांच साल तक लोन की अदायगी को रोक दिया जाए। उन्होंने एमएस स्वामीनाथन की सिफारिशों पर आधारित न्यूनतम समर्थन मूल्य को प्राइस इंडेक्स से जोड़कर देखने को कहा ताकि उत्पाद पर आने वाली लागत के साथ 50 फीसदी लाभ जोड़कर उत्पाद का मूल्य तय किया जाए।
अब भी हम गरीब
मुख्यमंत्री ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि योजनाएं बनाने के बावजूद आजादी के 65 साल बाद भी देश विश्व के गरीब देशों में शुमार है। उन्होंने सवाल किया, आखिर 65 साल की योजनाबंदी ने देश को दिया ही क्या है। बादल ने कहा कि हमारी योजनाबंदी और आम आदमी तक पहुंच में जरूर कोई गड़बड़ है।
कमीशन के सदस्यों की टीम भेजेंगे
आहलूवालिया ने मुख्यमंत्री को विश्वास दिलाया कि जल्द ही वे कमीशन के सदस्यों की एक टीम पंजाब भेजेंगे जो मालवा में पानी के रिसाव और पेयजल समस्या पर अपनी राय देगी।