चंडीगढ़. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि पंजाब में आतंकवाद के दौरान हुए खर्च का भुगतान केंद्र को करना चाहिए। जयराम पंजाब के सीमावर्ती जिलों का दौरा करने के बाद शनिवार को चंडीगढ़ में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा-‘आतंकवाद किसी एक राज्य की नहीं, बल्कि पूरे देश की समस्या है।’ यह पहली बार है जब केंद्र ने माना है कि आतंकवाद के दौरान हुए खर्च का भुगतान केंद्र को
करना चाहिए।
केंद्र पर लगातार बनाया जा रहा है दबाव
22000 करोड़ आतंकवाद के दौर के: पिछले सप्ताह वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 22000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने की गुजारिश की थी। ये रुपए आतंकवाद से निपटने में खर्च हुए थे।
कर्ज चुकाना सबसे बड़ी चुनौती.. पंजाब में आतंकवाद खत्म हुए 17 वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं। उस दौरान आतंकियों से टक्कर लेने के लिए सुरक्षाबलों पर जितने पैसे खर्च हुए थे, वे अब ब्याज समेत 22000 करोड़ रुपए बन चुके हैं।
77585 करोड़ है कर्ज
पंजाब पर 31 मार्च 2012 तक कुल कर्ज 77,585 करोड़ रुपए था। इसके लिए राज्य को हर साल 6500 करोड़ रुपए ब्याज के तौर पर चुकाने पड़ते हैं।
कुछ माफ भी हो चुका है
आईके गुजराल ने प्रधानमंत्री रहते हुए पंजाब का 8500 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने का फैसला लिया था। कांग्रेस इसका श्रेय लेने की कोशिश की थी।
कर्ज माफी की पहल अभी क्यों?
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उसके पास कुछ खास मुद्दे नहीं हैं। कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा हुआ है। कुछ दिन पहले कांग्रेस का एक बड़ा दल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एक मांगपत्र के साथ मिला। सुत्रों के मुताबिक, मनमोहन सिंह का रुख आतंकवाद के दौरान हुए कर्ज और सीमावर्ती जिलों के विकास को लेकर सहानुभूतिपूर्ण था। इधर, अकाली दल की नजर भी 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर है। अकाली दल हर सूरत में कर्ज माफी का श्रेय लेना चाहता है।