Thursday, May 24, 2012

मुख्यमंत्री के दरबार में अफसर की हाजिरी, सभी पूछ रहे है एक ही सवाल



 
 
चंडीगढ़. पंजाब में स्टेटस सिंबल बने सिक्योरिटी गार्डस को हटाने के फैसले के बाद कई नेता और अफसर मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंच रहे हैं। इनकी मांग है कि इनकी सिक्योरिटी कम न की जाए। राजनेताओं और अफसरों को मिले सिक्योरिटी गार्डस हटाने की प्रक्रिया जारी है। सत्तारूढ़ दल के कई नेताओं को यह रास नहीं आ रहा है।





मंगलवार तक हटाए गए सिक्योरिटी गार्डस की संख्या 1980 तक पहुंच गई। अभी कई नेताओं से सिक्योरिटी गार्डस वापस लिए जाने बाकी हैं। इस बात की पुष्टि डीजीपी कार्यालय के एक आला अधिकारी ने की है। सरकार ने पूर्व डीजीपी राजनदीप सिंह गिल, केके अत्री, एसएम शर्मा, एचआर चड्ढा, एपी पांडे, चंद्रशेखर और पूर्व पुलिस अफसर सुखदेव सिंह बराड़ की सुरक्षा में 50 फीसदी कटौती की है। इनसे एस्कॉर्ट जिप्सियां भी वापस ले ली गई हैं।



किससे कितने गार्डस वापस लिए

पूर्व विधायकों से 270, पूर्व आला पुलिस अधिकारियों से 210, पूर्व मौजूदा आईएएस और पीसीएस अधिकारियों से 70 और न्यायिक अधिकारियों से 65 सिक्योरिटी गार्डस वापस ले लिए गए हैं। जिला स्तर के नेताओं और अधिकारियों से 252 सिक्योरिटी गार्डस वापस लिए गए हैं। यह संख्या मिलाकर 1980 तक पहुंच गई है।



इन्होंने लगाई गुहार

सूत्रों के अनुसार, सर्बजीत सिंह मक्कड़, वीर सिंह लोपोके और अन्य अकाली नेता मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से मिल चुके हैं। हालांकि, सरकार इसमें कोई ढील बरतती नहीं दिख राही, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि कुछ सत्ताधारी नेताओं से सुरक्षाकर्मी वापस नहीं लिए जाएंगे।




बिना मंजूरी दे रखे थे 500 सिक्योरिटी गार्डस

जिला पुलिस और विभिन्न आम्र्ड बटालियनों से 500 सिक्योरिटी गार्डस बिना मंजूरी के ही दिए गए थे। डीजीपी कार्यालय की ओर से बार-बार जिला पुलिस और आम्र्ड बटालियनों से कहा जा रहा था कि सुरक्षाकर्मियों को वापस ले लिया जाए। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।


सिक्योरिटी विंग की जांच में खुलासा हुआ कि जिला पुलिस ने चहेतों को सुरक्षा मुहैया कर रखी है। इसके बाद इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई। गृह विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आदेश जारी किए कि तुरंत कार्रवाई की जाए और सभी से सिक्योरिटी वासप ली जाए।



इन पर चली सुरक्षा हटाने की तलवार

जिन नेताओं और अधिकारियों की सुरक्षा हटाई गई है, उनमें खरड़ से पूर्व विधायक उजागर सिंह वडाली, गोबिंद सिंह कांजला, रणजीत सिंह, वीर सिंह लोपोके, पूर्व ट्रांसपोर्ट मंत्री मास्टर मोहन लाल, दरबारी लाल, कंवलजीत सिंह लाली, अवतार हैनरी, लखमीर सिंह रंधावा, राजकुमार गुप्ता, एसएस सीबिया, सुखपाल खैहरा, रमन बहल, बलविंदर अटवाल, जगबीर सिंह बराड़ आदि शामिल हैं। इसके अलावा अकाली नेता सर्बजीत सिंह मक्कड़, पूर्व स्पीकर निर्मल सिंह काहलों की सिक्योरिटी में भी कटौती की गई है।
 

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