मनमोहन का घर घेरेंगे अन्ना समर्थक, दिल्ली पुलिस ने बंद करवाए 4 मेट्रो
नई दिल्ली. जन लोकपाल बिल पारित कराए जाने की मांग के लिए टीम अन्ना को अपना आंदोलन और तेज करना पड़ रहा है। गुरुवार को अन्ना के अनशन का दसवां दिन है, पर सरकार की ओर से उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह जरूर कहा कि सदन में टीम अन्ना सहित सभी के लोकपाल बिल पर चर्चा हो।
सरकार की ओर से नाउम्मीद टीम अन्ना ने गुरुवार शाम पांच बजे पीएम हाउस के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया है। इसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने चार मेट्रो स्टेशन बंद करवा दिए हैं। जोरबाग, खान मार्केट, उद्योग भवन और रेस कोर्स मेट्रो स्टेशन से यात्री न तो बाहर निकल सकेंगे और न अंदर जा सकेंगे। स्टेशन तीन बजे से 'अगले आदेश तक' के लिए बंद हैं।
समाधान निकलता नहीं देख टीम अन्ना ने एक बार फिर अल्टीमेटम भी दे दिया है। अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया कि अगर शनिवार तक इस मुद्दे का हल नहीं निकलता है तो देश भर से लोग दिल्ली पहुंचें। उन्होंने दिल्ली चलो का आह्वान किया। इसके तत्काल बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आश्वासन दिया है कि लोकपाल बिल का जिसने, जो भी ड्राफ्ट बनाया है, सब पर चर्चा होगी। चर्चा के बाद सभी सुझाव स्टैंडिंग कमेटी को भेजे जाएंगे।
इस बीच, किसान नेता भी अन्ना के समर्थन में आ गए हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने रामलीला मैदान पहुंचकर अन्ना के समर्थन का ऐलान करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में किसान अन्ना का समर्थन करने के लिए जल्द ही रामलीला मैदान पहुंचने वाले हैं।
जन लोकपाल के मुद्दे पर सरकार ने अपना रुख कड़ा कर लिया है तो टीम अन्ना ने भी कड़े तेवर अपनाने के संकेत दिए हैं। गुरुवार को टीम अन्ना ने सरकार से बातचीत भी नहीं की। कहा गया कि सरकार लिखित तौर पर अपनी मंश बताए, तब बातचीत होगी। दोनों पक्षों में दोपहर 12 बजे बातचीत तय थी।लेकिन कोर कमेटी का मानना है कि सरकार बात से पीछे हट रही है। टीम अन्ना का मानना है कि ऐसे में बातचीत का कोई मतलब नहीं है। सरकार के पास बिल का ड्राफ्ट है। अगर सरकार का कोई सुझाव हो तो वह हमें बता सकती है।
वैसे भी अब तक जो बातचीत हुई है, उसमें सरकार का मुख्य जोर अन्ना का अनशन तुड़वाने पर रहता है, न कि जनलोकपाल बिल पारित कराने को लेकर किरण बेदी ने ट्विटर पर आरोप लगाया है कि सरकार के यू-टर्न की वजह कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति है।