लाजवाब फिल्मी कहानी पर चंड़ीगढ़ पुलिस की प्रेस कांफ्रेंस
चंडीगढ़. थाना 31 पुलिस ने एक लाजवाब फिल्मी कहानी पर प्रेस कांफ्रेंस की है। कहानी है ‘नकली हेरोइन’ के असली सौदागरों की और इस कहानी की स्क्रिप्ट खुद चंडीगढ़ पुलिस ने लिखी है।
कहानी के मुताबिक पुलिस खुद हेरोइन खरीदने जाती है और धोखाधड़ी का शिकार होकर ‘नमक’ ले आती है। यह हम नहीं कह रहे, खुद पुलिस की एफआईआर बताती है। प्रेस नोट में पुलिस कहती है कि यह लोग पब्लिक को ‘नकली नशा’ यानी हेरोइन की जगह चूना व नमक मिक्स करके बेचते थे। पुलिस ने इनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
सेक्टर 8 थाना पुलिस ने ‘नकली हेरोइन’ बेचने की कोशिश में 8 लोगों को पकड़ा है। पुलिस का कहना है कि आरोपी पब्लिक को ‘नकली नशा’ देकर धोखाधड़ी करते हैं। आरोपियों में जीरकपुर के मांगेराम उर्फ मांगा, रणजीत सिंह, सहारनपुर के फैजल, मनीमाजरा के हरदीप सिंह, योगेश गौतम, किशनगढ़ के लक्ष्य और मनीमाजरा के कुलवंत, सौदागर अली शामिल हैं।
नमक का सैंपल
मुखबिर से सूचना मिलने के बाद पुलिस ने आरोपियों से संपर्क साधा और फोन पर आधा किलो हेरोइन मंगवाई। आरोपियों ने इसकी कीमत 24 लाख बताई। पुलिस ने नकली सौदागर बनकर सौदा तय कर लिया। इसकी डिलीवरी एयरपोर्ट लाइट प्वाइंट के पास होनी थी। पुलिस ने कांस्टेबल जगतराम सिंह और शंभू नाथ को सादी वर्दी में भेजा।
पुलिस ने आरोपियों से हेरोइन का सैंपल मंगवाया, जो नमक निकला। इस बारे में पूछने पर आरोपियों ने पुलिस के सौदागरों को कहा कि वह तो उन्हें चेक कर रहे थे। सौदे के दिन तीन घंटे के इंतजार के बाद एक मारुति कार आई जिसमें पांच व्यक्ति बैठे थे। उन्होंने रुपये दिखाने को कहा। पुलिस ने रुपये दिखाए तो वह व्यक्ति कहने लगे कि अपना एक साथी रुपये लेकर हमारे साथ भेज दो, जीरकपुर में माल आ चुका है। पुलिस के सौदागरों ने कहा, रुपये यहीं लो और माल दो।
इसके बाद एक इंडिका गाड़ी में तीन युवक और आए। पुलिस के सौदागरों से कहा गया कि रुपये यहां दे दो और माल पिछली गाड़ी से ले लो। इसके बाद आसपास मौजूद अन्य पुलिसवालों ने सभी को घेरकर पकड़ लिया।
पुलिस की कमजोर स्क्रिप्ट और फिल्म फ्लॉप
1. पुलिस यह नहीं बताती कि नकली हेरोइन खरीदने वाले खुद कितने भले हैं और क्या असली नशा खरीदना कानूनी रूप से वैध है? 2. जिन लोगों को यह आरोपी नकली हेरोइन बेचते थे वह लोग कहां हैं? नशा खरीदने वाले इन लोगों का अगर पुलिस को पता है तो उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
धोखाधड़ी वैसे तो ये लोगों से कर रहे थे, जबकि जब हमने ट्रैप लगवाने के लिए नकली सौदागर भेजे, तो आरोपियों ने हमें नकली हेरोइन दी। इसकी एवज में 24 लाख रुपये लेना चाहते थे। ""