पावर कॉम ने स्वीकारा, बाहरी राज्यों को बेची बिजली
वहीं इंडस्ट्री पर तीन दिवसीय नागा उद्यमियों की सहमति के बाद लगाया गया है। वे शनिवार को लुधियाना में सेंट्रल जोन लुधियाना और चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कामर्शियल अंडरटेकिंग द्वारा पौधारोपण के संदर्भ में आयोजित कार्यक्रमों में आए थे। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पावर कॉम ने इस सीजन के लिए 3200 मिलियन यूनिट 1200 करोड़ रुपये में अब तक खरीदे हैं।
सरप्लस होने की वजह से सेंट्रल पूल में बिजली सरेंडर कर अन्य राज्यों को बेची जा रही है। बिजली सरप्लस होने के बावजूद इंडस्ट्री पर तीन दिवसीय नागे की वजह पूछी गई, तो वर्मा ने तर्क दिया कि लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ में सबसे अधिक फर्नेस इंडस्ट्री है। जिनकी वजह से नार्दन ग्रिड पर सिस्टम ओवर लोड हो रहा है। मंडी गोबिंदगढ़ और लुधियाना की फर्नेस एसोसिएशनों को विश्वास में लेकर ही तीन दिन का नागा लगाया गया है।
प्रत्येक मुलाजिम लगाए पौधे
डायरेक्टर अरुण कुमार वर्मा और चीफ इंजीनियर केएल शर्मा ने शनिवार को सेंट्रल जोन मुख्यालय में पौधारोपण भी किया। वर्मा ने बताया कि पावर कॉम की ओर से सभी पांचों जोनों में पांच लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए पावर कॉम के सभी मुलाजिमों को भी उन्होंने एक एक पौधा लगाने की अपील की। इस मौके पर डिप्टी चीफ इंजीनियर रछपाल सिंह, एसके गुप्ता, एक्सईएन एमपी सिंह, एक्सइर्एन पुर्नदीप सिंह बराड़, हरजीत सिंह गिल आदि मौजूद थे।
केंद्र से मांगा 1500 करोड़
उन्होंने बताया कि राज्य के 47 शहरों में बिजली व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने के लिए एपीडीआरपी स्कीम के तहत 1500 करोड़ रुपये मांगे गए हैं। जिसमें से 382 करोड़ रुपये सिर्फ लुधियाना शहर के लिए है। उन्होंने बताया कि पावर कॉम ने बीते एक साल में अपने सिस्टम की क्षमता चार हजार मेगावॉट बढ़ाई है, जो बिजली विभाग पंजाब के इतिहास में पहली बार हुआ है।