Sunday, November 28, 2010

पकाएं-खिलाएं लाइफ बनाएं



इ स समय देश और दुनिया में हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री दिन दूनी-रात चौगुनी तरक्की कर रही है। इससे लोगों को लिए रोजगार के नए-नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2014 तक हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़े रोजगारों में 20 फीसदी तक इजाफा हो सकता है।

अनेक राहें

होटल मैनेजमेंट स्नातकों के लिए रोजगार की कई राहें उपलब्ध हैं। ऐसे लोग चाहें तो होटल इंडस्ट्री के अलावा एयरलाइन, क्रूज लाइन, टूर्स एंड ट्रैवल्स, रेस्त्रां, बार, फास्ट फूड श्रंखला, कैटरिंग इंडस्ट्री (संस्थानों, रेलवे व अस्पतालों में), हाईवे मोटेल्स, मनोरंजन पार्क व मॉल्स, मल्टीप्लेक्स, होटल व टूरिज्म इंस्टीट्यूट्स में रोजगार पा सकते हैं। इसके अलावा खुद रोजगार भी स्थापित किया जा सकता है।

मौजूदा परिदृश्य

हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में उच्च टर्नओवर एक मुख्य चुनौती है। आज नियोक्ताओं को ऐसे कर्मचारी मुश्किल से मिलते हैं जो बुनियादी ‘सॉफ्ट स्किल्स’ से लैस हों, जिसकी ग्राहक सेवा प्रधान इंडस्ट्री में सफलता के लिए बहुत जरूरत होती है। हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के दिनोंदिन तरक्की करने के साथ इस क्षेत्र में बेहतर व तकनीकी रूप से सक्षम कर्मचारी और खासकर युवा शेफ तथा फूड-एंड-बेवरेज प्रोफेशनल्स की मांग काफी बढ़ गई है। आज हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़े कई अंतरराष्ट्रीय शीर्ष ब्रांड हमारे देश में आ रहे हैं। इसके साथ-साथ शेफ के लिए भी अवसरों में इजाफा हो रहा है जो हॉस्पिटैलिटी व फूड इंडस्ट्री में फूड एंड बेवरेज सेक्टर की रीढ़ तैयार करते हैं।

देखा जाए तो आज शेफ का पेशा उन दिनों से बहुत आगे निकल चुका है जब वे अपनी रेसिपी व किचन को दुनिया की नजरों से बचाकर रखते थे। आज के शेफ युवा और जोशीले शख्स होते हैं जो लगातार अपनी नॉलेज को अपडेट करते रहते हैं और ऐसे प्रोडक्ट तैयार करते हैं जिनसे ब्रांड वैल्यू तैयार होती है। आज शेफ को होटल का चेहरा माना जाता है। देश में पाककला इंडस्ट्री के तीव्र विकास के साथ कुकिंग भी घरेलू किचन की चहारदीवारी से बाहर निकल आया है। अब यह सिर्फ महिला का अधिकारक्षेत्र नहीं रह गया है। शेफ एक ऐसा आर्टिस्ट होता है, जिसे कुकरी की कला में महारत हासिल होती है और जो दूसरों को भी इसकी ट्रेनिंग दे सकता है। एक दक्ष शेफ न सिर्फ नए-नए व्यंजन ईजाद करता है, जो बेहद स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि अपनी मधुर मुस्कान के साथ ग्राहकों की सेवा करते हुए अपने साथ-साथ कारोबार की तरक्की में भी भागीदार बनता है।

रोजगार की संभावनाएं

इस पेशे में कॅरियर संबंधी अवसरों की कोई सीमा नहीं है। किसी दक्ष शेफ को होटल, रेस्त्रां, एयर कैटरिंग यूनिट्स, फूड प्रोसेसिंग कंपनियों, कंफैक्शनरीज, क्रूज लाइनर, कारपोरेट कैटरिंग में आसानी से रोजगार मिल सकता है। इंडस्ट्री में होने वाले उतार-चढ़ावों से शेफ का पेशा प्रभावित नहीं होता क्योंकि अच्छे खाने के शौकीन लोग लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाए बगैर कभी नहीं रह सकते। आप चाहें तो अपना रोजगार भी स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा छोटे-बड़े फूड आउटलेट्स में प्रोफेशनल शेफ की काफी मांग होती है।

कार्यक्षेत्र

भोजन तैयार करने के अलावा किसी आहार-गृह के मुख्य शेफ को विभिन्न तरह के मेन्यू तैयार करने का जिम्मा भी सौंपा जाता है जो ग्राहकों के टेस्ट के अनुरूप हों। यह शेफ ही है जो आगे चलकर पकाए जाने वाले भोज्य पदार्र्थो का ऑर्डर देता है और बाकी किचन स्टाफ की निगरानी भी करता है। सबसे अहम बात, शेफ को स्वादिष्ट लजीज भोजन का जबरदस्त प्रेमी होना चाहिए। किसी शेफ की गुणवत्ता इस बात से इंगित होती है कि वह कितना जायकेदार भोजन तैयार कर सकता है। उसे अलग-अलग तरह की पाककलाओं में दक्ष होना चाहिए। शेफ को कोल्ड किचन, हॉट किचन या बेकरी कंफैक्शनरी जैसे विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों को चुनते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विकास में सहभागी

कह सकते हैं कि चमकदार सफेद टोपी के नीचे एक सौम्य मुस्कराते चेहरे के साथ-साथ लोगों की स्वाद कलिकाओं को उत्तेजित करने के लिए लजीज व्यंजनों को पकाने का हुनर इस पेशे के लिए जरूरी है। यह एक ऐसा पेशा है, जिसमें आपको अवसर, सम्मान, ग्लैमर, प्रसिद्धि और पैसा सब कुछ मिल सकता है। यदि यह कहा जाए कि शेफ बनना अपने आप में बड़े गौरव की बात है तो गलत नहीं होगा। पहले की बात और थी, जब इस पेशे को लोग दोयम दर्जे का समझते थे। तब से लेकर अब तक किचन का माहौल और शेफ का नजरिया भी काफी हद तक बदल गया है। आज अनेक युवा शेफ बनने की ओर उन्मुख हो रहे हैं। आज के ज्यादातर शेफ किसी होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से पढ़कर निकले होते हैं, जिन्हें इस पेशे के बारे में सारी जानकारी होती है। यह मल्टीटास्किंग का दौर है। यानी आज एक शेफ अलग-अलग तरह की पाक शैली के व्यंजन पकाने में समान रूप से दक्ष होता है।

इस दौर में पाककला संबंधी शोज और पत्र-पत्रिकाओं की बढ़ती लोकप्रियता के साथ शेफ भी अब पब्लिक फिगर बन गए हैं। यदि आप भी लजीज व्यंजन पकाने और खिलाने के शौकीन हैं तो मानकर चलिए कि हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में आपके लिए बेहतरीन अवसरों की कमी नहीं है, बस जरूरत है सही दिशा में कदम आगे बढ़ाने की।


बेहतर शेफ बनने हेतु जरूरी बातें
खान-पान सामग्री संबंधी अच्छा ज्ञान।
फूड इंडस्ट्री की मौजूदा मांग के बारे में समग्र जानकारी।
इस बात की पूरी जानकारी होना कि किस मौसम में कौन सी भोजन सामग्री (फल, सब्जियां, मसाले इत्यादि) उपलब्ध होती हैं।

नई-नई बातों को सीखने व अपनाने की ललक।

आप ऐसे बदलाव करने में सक्षम हों जो समाज या आबादी के एक खास हिस्से की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरी कर सकें।

नए-नए प्रयोगों के प्रति सकारात्मक नजरिया रखना।


संस्थान

इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एंड होटल मैनेजमेंट, देहरादून।

होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट स्टडीज, नवी मुंबई।

सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग, भुवनेश्वर।

हाई-केट्स कॉलेज ऑफ होटल मैनेजमेंट, पुणो।

हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म, शिमला।

इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, कैटरिंग एंड न्यूट्रिशन, पानीपत।

क्राइस्ट कॉलेज, बेंगलुरु।

कैम्बे इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट, गांधीनगर।

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