Thursday, November 11, 2010

सोनिया पर कमेंट करने वाले संघ के नेता मुश्किल में फंसे

नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रमुख के.एस. सुदर्शन के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बारे में दिए गए असम्मानजनक बयान को लेकर पार्टी में काफी हलचल हुई है। दिल्ली से लेकर भोपाल तक पार्टी के नेताओं ने सुदर्शन के इस बयान की तीव्र शब्दों में निंदा की है। दूसरी ओर, संघ ने भी इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस ने कहा कि सुदर्शन की टिप्पणी काफी अधिक अशोभनीय थी। इसे सहन नहीं किया जा सकता है।

मानसिक संतुलन खो चुके हैं सुदर्शन

मप्र कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने कहा कि सुदर्शन ने गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है। भारतीय संस्कृति और परंपरा का भी तकाजा है कि किसी महिला के बारे में अमर्यादित टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। इसके बावजूद लोगों को भारतीय संस्कृति का पाठ पढ़ाने का दावा करने वाले संघ के नेता की अमर्यादित टिप्पणियों से लगता है कि उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है।

पचौरी ने कहा कि सुदर्शन की अमर्यादित टिप्पणियों को लेकर संघ को सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष श्रीमती गांधी निर्विवाद नेता हैं और उन्होंने प्रधानमंत्नी पद ठुकराकर साबित कर दिया कि वह सत्ता के पीछे नहीं भागती हैं। गांधी उस नेहरू.गांधी परिवार का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिसने देश की आजादी की लड़ाई और फिर देश के विकास के लिए अनेक बलिदान दिए हैं। पचौरी ने सुदर्शन से जानना चाहा है कि उनका और उनके संगठन का देश की आजादी में क्या योगदान है।

संघ ने कहा कि सुदर्शन खुद ही देंगे जवाब

दूसरी ओर, संघ ने पुराने बयान से पल्ला झाड़ लिया है। संघ का कहना है कि इस बयान पर सुदर्शन ही जवाब देंगे। लेकिन संघ ऐसे बयान से सहमति नहीं रखती है।



क्या कहा था सुदर्शन ने



राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रमुख केएस सुदर्शन ने कल भोपाल में कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या का षड्यंत्र रची थी। सुदर्शन यहीं नहीं रुके और उन्होंने सोनिया को ‘सीआईए की एजेंट’ और ‘अवैध संतान’ भी कह दिया। सुदर्शन ने बुधवार को भोपाल में संघ के धरना स्थल पर मीडिया से चर्चा में ये आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि सोनिया के जन्म के समय उनके पिता जेल में थे। इस बात को छिपाने के लिए ही वे अपनी जन्मतिथि 1944 के बजाय 1946 बताती हैं। उन्होंने कहा कि एक कांग्रेस नेता ने उन्हें यह सारी जानकारी दी। सुदर्शन ने उस नेता का नाम उजागर करने से इनकार कर दिया था।



सीआईए एजेंट



उन्होंने दावा किया कि सोनिया का असली नाम सोनिया माइनो है। वे सीआईए की एजेंट थीं। राजीव गांधी ने ईसाई धर्म ग्रहण कर राबटरे नाम से उनसे शादी की। बाद में इंदिरा गांधी ने वैदिक पद्धति से उनकी शादी कराई। इंदिरा गांधी को इस बात की भनक लग गई थी कि सोनिया सीआईए एजेंट हैं। लेकिन इंदिरा उनका अपने हिसाब से उपयोग करना चाहती थीं।



इंदिरा और राजीव की हत्या का षड्यंत्र:



पंजाब में आतंकवाद के चरम पर पहुंचने पर सोनिया ने इंदिरा की हत्या का षड्यंत्र रचा। इंदिरा गांधी की सुरक्षा से सतवंत सिंह को हटाने की बात हुई थी, लेकिन सोनिया ने यह नहीं होने दिया। जब इंदिरा गांधी को गोली लगी तो उन्हें करीब के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ले जाने की जगह वे एम्स ले गई थीं, जो काफी दूर था। फिर राजीव गांधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाने के बाद इंदिरा गांधी की मृत्यु की घोषणा की गई।



राजीव होना चाहते थे सोनिया से अलग



सुदर्शन ने दावा किया कि राजीव को भी सोनिया पर शक हो गया था। वे उनसे अलग होने का मन बना रहे थे। सुदर्शन ने सोनिया पर राजीव की हत्या के षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा कि सोनिया के इशारे पर ही श्रीपेरुंबुदूर की सभा में जेड प्लस सुरक्षा नहीं की गई। सुदर्शन ने सवाल किया कि इंदिरा और राजीव दोनों का पोस्टमार्टम क्यों नहीं हुआ? इस बात की जांच क्यों नहीं होती कि राजीव को जेड प्लस सुरक्षा क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई?

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