Tuesday, February 22, 2011

गोधरा कांड: साजिश के तहत लगाई गई थी आग, 31 दोषी, 63 बरी

अहमदाबाद. गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को कारसेवकों से भरी साबरमती एक्‍सप्रेस की एस6 बोगी में आग लगाए जाने के मामले में मंगलवार को विशेष अदालत ने पहली बार फैसला सुनाया। इस अग्निकांड में 58 कारसेवकों की मौत हुई थी। विशेष अदालत ने इस मामले में 31 लोगों को दोषी करार दिया और 63 लोगों को बरी कर दिया। अदालत ने माना कि आग साजिश के तहत लगाई गई थी, न कि यह हादसा था। दोषी करार दिए गए लोगों के लिए सजा का ऐलान 25 फरवरी को किया जाएगा।

इस मामले में मंगलवार को 9 साल में पहली बार फैसला आया। फैसले के मद्देनजर गोधरा, अहमदाबाद और बडोदरा में पुलिस को सतर्क कर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।

हाल के वर्षो में देश के इतिहास में हुए इस सबसे बड़े अपराध के मामले में विशेष अदालत ने मंगलवार को साबरमती केंद्रीय जेल परिसर में अपना फैसला सुनाया। गोधरा में 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस6 कोच में आग लगा दी गई थी जिसमें 58 लोगों की मौत हो गयी थी। इस घटना के बाद भड़के दंगों में करीब 1100 लोगों की मृत्यु हो गई और संपत्ति को भारी नुकसान पंहुचा था।

पुलिस उपायुक्त सतीश शर्मा के अनुसार इस फैसले के मद्देनजर जेल परिसर के साथ ही सभी संवेदनशील स्थानों पर कड़ी चौकसी बरती जा रही है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस के 8000 जवानों के साथ ही, राज्य रिजर्व पुलिस बल की 25 कंपनियां, त्वरित कार्रवाई बल की तीन टुकड़ियां और होमगार्ड के जवानों की तैनाती की गई है।

प्रशासन ने अहमदाबाद और गोधरा में सार्वजनिक प्रदर्शनों को प्रतिबंधित कर धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। इसके अलावा मीडिया द्वारा इस घटना से जुड़ी तस्वीरों के प्रकाशन एवं प्रसारण पर रोक है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक यहां स्थित साबरमती सेंट्रल जेल कांप्लेक्स सहित सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा एसआरपी और आरपीएफ की टीम गश्त करेगी। मध्य गुजरात के वडोदरा, पंचमहाल, दाहोद, नर्मदा और भरूच में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

इस केस में कुल 97 आरोपी लंबे समय से जेल में हैं। गोधराकांड की जांच भी विशेष जांच टीम ने की थी।

प्रमुख साजिशकर्ता : मौलवी हुसैन हाजी इब्राहिम उमरजी
प्रमुख कोर टीम : हाजी बिलाल, सलीम जर्दा, शौकत अहेमद चरखा उर्फ लालु(फरार), सलीम पानवाला (फरार), जबीर बिनयामीन बहेरा, अब्दुलरजाक कुरकुरे, अब्दुलरहेमान मेंदा उर्फ बाला, हसन अहेमद चरखा उर्फ लालु, महेमुद खालिद चांद
प्रमुख कोर टीम के सहायक : फारुक अहेमद भाण(फरार), महंमद अहेमद हुसेन उर्फ लतिको, इब्राहिम अहेमद भटकु उर्फ फेटु (फरार)

फैसले से एक दिन पहले मुसलमानों ने रखा विशेष रोज़ा

गोधरा कांड पर फैसले से एक दिन पहले, सोमवार को यहां के मस्जिदों में मुसलमानों ने विशेष रोज़ा रखा। अपने प्रियजनों के लिए दुआएं मांगते हुए हज़ारों लोग धार्मिक स्थलों पर देखे गए। आम आदमी के साथ साथ धार्मिक नेताओं, आरोपियों के रिश्तेदारों ने यह खास व्रत रखा और शाम को पूजा-अर्चना के बाद व्रत खोला। सभी ने यह दुआ की कि फैसला न्यायपूर्ण आए और नौ साल का इन्तज़ार शांतिपूर्वक मंगलवार को खत्म हो जाए।

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