Thursday, February 24, 2011

मैं जांच के लिए तैयार, कांग्रेसी अपनी संपत्ति का ब्यौरा दें'

बाबा रामदेव ने कांग्रेस के सवालों पर पलटवार करते हुए आज एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि मैं किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हूं। मैं देशभक्त हूं और देश के लिए किसी भी तरह की जांच का स्वागत करता हूं।


रामदेव ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता उन्हें बदनाम करने पर उतर आए हैं। लेकिन वो काले धन को भारत लाने के मुद्दे पर पीछे हटने वाले नहीं है। रामदेव ने कांग्रेस नेताओं पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि वो तो अपनी संपत्ति की जांच और घोषणा करने के लिए तैयार हैं लेकिन क्या कांग्रेसी नेता भी अपनी संपत्ति की जांच कराएंगे?


कहां से आया बाबा का पैसा, सीबीआई जांच करेः कांग्रेस


कांग्रेस और योग गुरु स्वामी रामदेव के बीच युद्ध अब तेज होता नजर आ रहा है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा बाबा रामदेव की संपत्ति पर सवाल उठाए जाने के बाद अब कांग्रेस स्वामी रामदेव को उनकी कर्मभूमि उत्तराखंड मे ही घेर रही है।


टिहरी से कांग्रेस के विधायक किशोर उपाध्याय ने बाबा रामदेव की संपत्ति और गतिविधियों की सीबीआई जांच की मांग की है। उत्तराखंड कांग्रेस के नेता अब इस मामले में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को चिट्टी लिखने की तैयारी कर रहे हैं।

भास्कर डॉट कॉम से बात करते हुए श्री उपाध्याय ने बताया कि स्वामी रामदेव ने उत्तराखंड को अपनी कर्मभूमि बना यहां अपना योगआश्रम शुरु किया। उस वक्त जब हमारी सरकार थी तो हमने कहा था कि रामदेव सरकार द्वारा मिल रही रियायतों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन अब हालात बद से बदतर हो गए हैं।

बाबा रामदेव पर सवाल दागते हुए किशोर उपाध्याय ने कहा कि खुद को योगगुरु कहने वाला रामदेव को राजनीति से क्या मतलब है। बाबा रामदेव अपने आश्रम में मजदूरों का शोषण कर करोड़ों रुपए बना रहे हैं। पंतजलि योगपीठ में काम कर रहे मजदूरों से काम ज्यादा लिया जाता है और वेतन कम दिया जाता है। कई सरकारी डॉक्टर वहां अवैध रूप से काम कर रहे हैं, इन सब बातों की भी जांच होनी चाहिए। जो व्यक्ति देश भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की बात कर रहा है वो यह भी तो बताएं की उसके अपने आश्रम में कितना भ्रष्टाचार व्याप्त है। वो खुद भी कहते हैं कि दान में मिली रकम का वो राजनीतिक दल के निर्माण में इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत स्वाभीमान आंदोलन में उनके ट्रस्ट का पैसा इस्तेमाल होता है। क्या ट्रस्ट के पैसे का राजनीतिक उपयोग किसी भी तरह से जायज है?

उत्तराखंड को हुआ नुकसान

श्री उपाध्याय कहते हैं कि बाबा रामदेव से उत्तराखंड को फायदा पहुंचना चाहिए थे लेकिन उन्होंने तो अपनी हजारों करोड़ की संपत्ति बना ली लेकिन राज्य को नुकसान हुआ है। बाबा आज फाइव स्टार सुविधाओं में रहते हैं। यहां के अन्य साधुओं में भी विलासिता बढ़ रही है। लेकिन जो काम इन्हें गंगा और हिमालय को बचाने के लिए करना चाहिए था वो इन्होंने नहीं किया है। यहां कि पावन धरती को बाबा रामदेव से फायदा पहुंचना चाहिए था लेकिन इसका अपमान और नुकसान ही ज्यादा हुआ है। अब वक्त आ गया है जब बाबा रामदेव को स्वय पर उठ रहे सभी सवालों का जवाब देने चाहिए। उत्तराखंड की धरती पर 33 करोड़ देवी देवता निवास करते हैं। यहां पीरान कलियर की दरगाह है। सिखों का धर्म स्थल हेमकुंड साहिब है। स्वामी रामदेव को इस धरती को और पवित्र करने के लिए प्रयास करने चाहिए। गंगा और हिमलाय को बचाने के लिए अभियान चलाना चाहिए।


योगगुरू का राजनीति से क्या वास्ता

बाबा रामदेव भगवा वस्त्र पहनकर राजनीति कर रहे हैं। इस वस्त्र और बाबाओं का भारत में बहुत सम्मान है। बाबा इसका गलत फायदा उठा धन इकट्ठा कर रहे हैं। या तो संत बने या राजनेता। काले धन के मुद्दे को मुहिम बनाने वाले स्वामी रामदेव को अपने धन का भी तो स्पष्टीकरण देना चाहिए। किसी टीवी कार्यक्रम में वो कहते हैं कि दुनिया के किसी हिस्से में उनके नाम पर कोई संपत्ति दर्ज नहीं है और किसी कार्यक्रम में वो कहते हैं कि उनका एक सम्राज्य है जिसकी कीमत हजारों करोड़ रुपए में है। बाबा रामदेव या तो राजनीति करें या फिर योगा सिखाएं।

सीबीआई करे बाबा की आय के स्त्रोतों की जांच

उपाध्याय कहते हैं कि उत्तराखंड कांग्रेस बाबा रामदेव की संपत्ति और आय के स्त्रोतों की सीबीआई जांच की मांग करेगी। अब वक्त आ गया है जब देश को पता चलना चाहिए कि बाबा रामदेव ने करीब 2 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति कहां से इकट्ठा की।

रामदेव से नहीं डरी है कांग्रेस

यह पूछे जाने पर की क्या कांग्रेस बाबा रामदेव के राजनीति में आने से डर गई है उपाध्याय कहते हैं कि इससे पहले भी कई साधु संत राजनीति में आ चुके हैं। राजनीति में आने का सबको अधिकार है। कांग्रेस को बाबा से कोई डर नहीं है।

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