Saturday, February 19, 2011

ज्यादा देर कुर्सी पर बैठे तो बन जाओगे नामर्द

लुधियाना। जिनको ड्यूटी के दौरान ज्यादा वक्त लगातार कुर्सी पर बैठे रहना पड़ता है, उनको कोलकाता के डा. सुजाय के.गुहा का यह निष्कर्ष पढ़कर चिंता हो सकती है। एंड्रोलोजी सोसायटी आफ इंडिया के प्रेजीडेंट डा. गुहा का कहना है कि सिटिंग जॉब करने वालों में नार्मदी के मामले बढ़ रहे हैं। खासकर कॉल सेंटर में सर्विस करने वालों, कंप्यूटर व सिटिंग जॉब वाले कुछ खास क्षेत्र से जुड़े लोगों के स्पर्म काउंट (वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या) डाउन होने के मामले बढ़ रहे हैं।


डा.गुहा शुक्रवार को डीएमसी अस्पताल में एंड्रोलोजी एंड रिप्रोडक्टिव मेडिसन की तीन दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस में भाग लेने आए थे। उन्होंने बताया कि अंडकोष का तापमान शरीर के तापमान से कम रहना चाहिए, वरना ज्यादा तापमान से शुक्राणु खत्म हो जाएंगे। सिटिंग जॉब्स में लोग ज्यादा देर तक कुर्सी पर बैठे रहते हैं, जिससे अंडकोष शरीर से सटे रहते हैं और उन तक हवा भी नहीं पहुंच पाती। इससे तापमान बढ़ने से स्पर्म काउंट घटने शुरू हो जाते हैं।


डा.गुहा के मुताबिक कुर्सियों की बनावट भी स्पर्म काउंट पर असर डाल रही है। बेंत की कुर्सियां होती थी, जिसमें वेंटीलेशन पास होती रहती थी। आजकल कुर्सियां व सोफे की बनावट ऐसी है कि उसमें आदमी हिलजुल तक नहीं सकता। ऐसे में अंडकोष का तापमान बढ़ता रहता है। खास बात ये है कि लोगों को सिटिंग जॉब करने वालों को इस बारे में पता ही नहीं है। डा.गुहा ने बताया कि मेडिकल साइंस की कई रिसर्च में यह भी सामने आ चुका है कि टाइट अंडरवियर पहनने वालों में भी स्पर्म काउंट घटने की प्राब्लम ज्यादा है। डा.गुहा के मुताबिक पहले 60 लाख स्पर्म काउंट को सामान्य माना जाता था, लेकिन अब एवरेज 15 से 20 लाख तक की स्पर्म काउंट आते हैं।

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