Friday, February 18, 2011

पाकिस्तान में जेहादी संभाल सकते हैं सत्ता.......... न्यूक्लियर हथियार भी करेंगे कब्जे में

वाशिंगटन. अमेरिका में अफगानिस्तान और पाकिस्तान मामलों के एक विशेषज्ञ ब्रूस रिडल का मानना है कि पाकिस्तान में जेहादी कभी भी सत्ता पर काबिज हो सकते हैं, जो पूरे विश्व और विशेषकर भारत के लिए बड़ा खतरा बनेंगे। उन्होंने कहा कि जेहादियों के हाथ में न्यूक्लियर हथियारों की भी कमान होगी और इसके बाद पाकिस्तान तालिबान और दूसरे आतंकवादियों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान होगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की अफगानिस्तान और पाकिस्तान को लेकर नीति बनाने वाली समिति के चेयरमेन रहे रिडल के अनुसार इन परिस्थितियों में पाकिस्तान के संबंध न केवल शिया बहुल ईरान से खराब होंगे बल्कि चीन से भी संबंधों में गिरावट आएगी।

रिडल ने अपनी नई पुस्तक ‘डेडली एंबरेस: पाकिस्तान, अमेरिका एंज फ्यूचर ऑफ ग्लोबल जेहाद ‘ में लिखा है कि पाकिस्तान में एक जनरल, जो कि 1980 में पाकिस्तानी राष्ट्रपति और तानाशाह स्वर्गीय जनरल जिया-उल-हक का काफी नजदीकी था, सरकार के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व कर सकता है।

रिडल के अनुसार यदि जेहादी पाकिस्तान में काबिज होते हैं तो उसके ईरान से भी संबंध खराब होंगे क्योंकि ईरान शिया बहुल देश है, जबकि पाकिस्तान सुन्नी मुस्लिम बहुल देश । अफगानिस्तान में भी आतंकवादी शिया और सुन्नी, दो समूहों में बंटे हुए हैं और एक दूसरे के दुश्मन हैं। इसी तरह फिलहाल पाकिस्तान के चीन के साथ संबंध बढ़िया हैं, लेकिन यदि जेहादी पाक में सत्ता पर कब्जा कर लेते हैं तो चीन से भी संबंध खराब होंगे क्योंकि मुस्लिम आतंकवादी चीन के पश्चिमी हिस्से में भी काफी सक्रिय हैं।

पुस्तक में कहा गया है कि पाकिस्तान में जेहादी समूहों का कब्जा भारत के लिए काफी बुरी खबर होगी और उसके पास अपनी सेना और परमाणु हथियारों को तैयार रखने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा।

रिडल ने जेहादियों द्वारा पाकिस्तान पर कब्जा करने के बाद की परिस्थितियों का आंकलन करते हुए कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर किसी शांति प्रक्रिया की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाएगी और भारत में नवंबर 2008 में मुंबई जैसा कोई हमला होने पर दोनों देशों में युद्ध होने की आशंका है।

अमेरिका की गुप्तचर एजेंसी सीआईए के पूर्व अधिकारी रिडल के अनुसार जेहादियों के पाकिस्तान में सत्ता पर काबिज होने पर अमेरिका भी सुरक्षित नहीं रहेगा। अल कायदा का साथ और परमाणु हथियारों पर कब्जे की स्थिति में ये जेहादी अमेरिका के लिए गंभीर खतरा बनेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि परमाणु हथियारों से लैस जेहादियों के पाकिस्तान पर कब्जा करने की परिस्थिति को किसी भी कीमत पर टाला जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत के अलावा दूसरे विकल्पों को भी तलाशा जाना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि अब अमेरिका पाकिस्तान पर अपना पूरा ध्यान लगाए और पूरी आशंका है कि ओबामा के लिए 2011 में पाकिस्तान में नई समस्याएं पैदा हों।

लश्कर फिर कर सकता है मुंबई जैसा हमला
अमेरिका के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा है कि लश्कर-ए-तैय्यबा ने यूरोप और विश्व के दूसरे हिस्सों में मुंबई जैसा हमला करने की फिर एक बार तैयारी की है। नेशनल काउंटर टैरेरिजम सेंटर के डायरेक्टर माइकल लिटर ने संसद की कमेटी ऑन इंटेलिजेंस के सामने बताया कि लश्कर-ए-तैय्यबा ने अपनी क्षमताओं में काफी इजाफा किया है। उन्होंने कहा कि यदि लश्कर भारत में ही कोई ऐसा हमला करने में फिर कामयाब होता है तो यह अमेरिका की नीतियों के लिए भी नुकसानदेह होगा।


परमाणु हथियार पहुंच सकते हैं आतंकवादियों के पास
पाकिस्तान ने भले ही अपने परमाणु बमों की संख्या 60 से 110 के बीच पहुंचा ली हो, लेकिन इससे पाकिस्तान भारत के खिलाफ कोई मजबूत स्थिति में नहीं पहुंचा है बल्कि परमाणु बमों के आतंकवादियों के हाथों में पहुंचने का खतरा बढ़ गया है। पाकिस्तान के दो रक्षा विशेषज्ञों – अलेक्जेंडर एच रॉथमैन और लारेंस जे कोर्ब ने हाल ही में इस बारे में एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान को भारत के बजाए घरेलू मोर्चे पर ज्यादा खतरा है। पाकिस्तान पूरी तरह विदेशी मदद पर निर्भर है और परमाणु बम बनाने से घरेलू समस्याओं का हल नहीं निकलेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का भारत के साथ आर्थिक विकास की दौड़ में कोई मुकाबला नहीं है।

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