Saturday, February 5, 2011

मोइली,कुरैशी,हुडडा,पाटिल चुनावी भ्रष्टाचार पर चिंतित राजनेताओं के सहारे न छोड़े राजनीति: बंसल

चंडीगढ़ । पढ़े लिखे लोग आज वोट नहीं डालते जबकि अनपढ़ लोगों के मतदान का प्रतिशत ज्यादा है। आर्थिक रूप से संपन्न व्यक्ति ही चुनाव लड़ सकता है जबकि छवि का ईमानदार व्यक्ति बिना आर्थिक मदद के चुनाव लडऩे की बात सोच भी नहीं सकता। यही नहीं आपराधिक छवि के लोग चुनाव लडऩे के लिए आगे आ रहे हैं जबकि ईमानदार लोग पीछे हट रहे हैं। ये बातें कुछ सोचने को विवश करती हैं। निर्वाचन प्रणाली में सुधार को लेकर चंडीगढ़ ज्यूडीशियल अकादमी में एक दिवसीय सेमिनार में केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने कुछ ऐसे ही सवाल लोगों के सामने रखे हैं। मोइली ने कहा कि चुनावों मेंं भ्रष्टाचार को खत्म करना पहली प्राथमिकता है और जरूरत के मुताबिक इसे लेकर कानून मेंं संशोधन किया जाएगा।

मोइली ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में सुधार की बड़ी गुंजाइश है और सरकार ने इस दिशा में अपना काम आरंभ कर दिया है। इसमें दल बदलू कानून की समीक्षा करना भी शामिल है। चुनावों में बढ़ते आपराधिकरण पर रोक लगाना लोकतंत्र की बहाली के लिए जरूरी है।

इस मौके पर मु य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि चुनावी हिंसा एक बड़ी समस्या बन कर सामने आई है। धन के बल पर राजनीतिक दमखम दिखाए जाने पर रोक लगाने की जरूरत है। इसके लिए कानून मेंं संशोधन की जरूरत है और आपराधिक छवि के लोगों को चुनाव लडऩे से रोका जाना चाहिए। चुनाव पूर्व सर्वेक्षण पर पाबंदी लगाने की बात भी कही गई। आल इंडिया कांग्र्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष चौधरी ने कहा कि चुनावी खर्च की सीमा को बढ़ाए जाने की जरूरत है। हरियाणा के मु यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा ने कहा कि बढ़ रहे राजनीतिक दल भ्रष्टाचार का कारण हैं। चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों को अपने आपराधिक पृष्ठभूमि का खुलासा चुनाव से पहले करना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने इस मौके पर जातिवाद को लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बताया और कहा कि इससे निपटने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बूथ कैप्चरिंग जैसी समस्याओं से निपटने के लिए टेक्नालोजी का सहारा लिया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि राजनीति राजनेताओं के भरोसे पर ही न छोडें आम आदमी की को मतदान के जरिए इसमेंं अपना योगदान देना होगा।

ट्रायल कोर्ट के फैसले पर ही हो फैसला: पाटिल

हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का इंतजार किए बिना ट्रायल कोर्ट के फैसले पर ही चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी के भाग्य का फैसला किया जाना चाहिए। पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक शिवराज पाटिल ने सेमिनार मेंं कहा कि उनका मानना है कि ट्रायल कोर्ट यदि किसी प्रत्याशी को सजा सुना देती है तो फिर उसे चुनाव लडऩे से रोका जाना चाहिए। पाटिल ने साथ ही स्पष्ट किया कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है जिसे अंतिम निष्कर्ष रूप मेंं नहीं लिया जा सकता।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मतदान का एक प्रतिशत तय कर दिया जाना चाहिए और इससे कम वोट पानी वाले दल को चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य ठहराया जाना चाहिए।

राजनीतिक दलों के फंड का आडिट हो-कुरैशी

चुनावों में राजनीतिक दलों को फंड दिए जाने के मसले पर मु य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इन दलों को फंड का भुगतान

चेक के जरिए होना चाहिए। साथ ही राजनीतिक दल चुनाव से पहले अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करें और चुनाव के बाद कंपट्रोलर एंड आडिटर जनरल ऑफ इंडिया (कैग) से इसका आडिट कराया जाना चाहिए

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