Friday, February 18, 2011
भविष्य में पत्रकारिता का दायरा और भी विशाल होगा : डा. एम.पी. भार्गव
राजनीति शास्त्र में एम.ए., पेशे से बी.ए.एम.एस. (एच.ई.एस.) डाक्टर और 1972 से पत्रकारिता कर रहे डा. एम.पी. भार्गव हरियाणा सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार है और देश में सर्वाधिक पढ़े जाने वाले समाचार पत्रों से संबंधित रहे है। अपने परिवार के पुश्तैनी पत्रकारिता व चिकित्सकीय धंधे को अपनाए डा. एम.पी. भार्गव के पिता स्व. श्यामसुंदर भार्गव जहां उर्दू वीरप्रताप, हिंदी वीरप्रताप व वीर अर्जुन जैसे समाचार पत्रों के पत्रकार रहे थे, वहीं उनके युवा पुत्र योगेश भार्गव ऐलनाबाद में ई-जर्नलिज्म (इंटरनैट के माध्यम से खबरों का प्रसारण) लाने वाले पहले शख्स है। युवा योगेश भार्गव इन दिनों न्यूज वैबसाइट ऐलनाबादन्यूज डाट काम का संचालन कर रहे हैं। वर्तमान में दैनिक पंजाब केसरी से जुड़े डा. एम.पी. भार्गव पत्रकारिता से सबंधित काफी ज्ञान रखते है और पत्रकारिता के खट्टे-मीठे अनुभवों की पिटारी लिए हुए है। डा. भार्गव के अनुसार वर्तमान युग में एक सही व स्वस्थ पत्रकार का दायित्व बड़ा अहम होता है। पत्रकार यदि अपने दायित्व के प्रति पूरी तरह से इमानदार व समॢपत है तो उसकी कलम को चूमने वालों हजारों-लाखों पाठक हर समय तैयार मिल सकते है और यदि वह पत्रकारिता को अपना व्यवसाय, शौक या समाज में अपनी पैठ बनाने के लिए या यदि कृत्रिम रौब डालने के लिए करता है तो वह पत्रकारिता की बदौलत मिलने वाले सम्मान तक हकदार भी नहीं है। सम्मान का सही हकदार तो वह है तो स्वस्थ एवं सत्य लेखनी का स्वामी है। वर्तमान का पाठक बहुत जागरूक है, जो सत्य और असत्य की पहचान रखने में सक्षम है। साहित्य में भी रूचि रखने वाले डा. भार्गव से प्रैसवार्ता प्रतिनिधि द्वारा जब साहित्य और पत्रकारिता में प्राथमिकता संबंधी प्रश्र पूछा गया तो उन्होंने बताया कि दोनो के रास्ते अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि साहित्य जहां मन की गहराईयों से फूटता है, वहीं पत्रकारिता सामयिक, विषय, परिस्थितियों, विस्फोटों व अचानक घटित राजनीतिक गतिविधियों व देश-विदेश की घटनाओं को प्राथमिकता देती है। पत्रकारिता की कवरेज सामयिक व निश्चित समय के लिए होती है, जबकि रचना हमेशा के लिए, क्योंकि साहित्य इतिहास है और पत्रकारिता सामयिक। साहित्य और पत्रकारिता में किसके पाठक ज्यादा है और किसे लोकप्रिय मानते हैं? पूछने पर डा. भार्गव कहते हैं कि दोनो ही विद्याओं के अपने-अपने पाठक है। एक तरफ जहां साहित्य का घेरा विशाल और चिरंजीवी है, वहीं पत्रकारिता का क्षेत्र मात्र शिक्षित लोगों तक ही सीमित है। साहित्य आत्मा की खुराक है तो पत्रकारिता शरीर की। ऐसी स्थिति में आत्मा की खुराक ज्यादा सकून प्रदान करते हुए एक लंबे समय तक पाठक को बांधे रखकर उसके हृदय में स्थान बना लेती है। पत्रकारों द्वारा विवशतावश या अपनी जीविका के लिए जोखिम उठाते हुए पीत पत्रकारिता का आंचल ओढऩे पर पूछे जाने पर डा. भार्गव ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि माना जा सकता है कि ऐसी प्रवृति के पत्रकार को पैसा चाहिए, मगर यह पैसा अपने स्तर से नीचे गिरने की बजाए दायरे में रहकर भी प्राप्त किया जा सकता है। सत्यता भरी स्वच्छ, स्वस्थ व निर्भीक लेखने जिस पत्रकार के पास है, उसे भला पैसे की क्या कमी है? वर्तमान में देश में अनेक कलम के धनी पत्रकार है, जो कलम लेखनी से शानदार जीविका चलाते है। पत्रकारों को पैसे की बजाए अपने कत्र्तव्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए और जो पत्रकार अपने कत्र्तव्यों को पहचान कर चलता है, उसे रास्ते अपने आप मिल जाते है। रास्ते मिलने पर मंजिल आसान होना स्वाभाविक है। लंबी अवधि तक पत्रकारिता से संबंधित पत्रकार राजनेताओं से जुड़े स्वार्थ भूलकर स्वार्थ के लिए झूठी रिर्पोटिंग की तुलना देश द्रोहितयो से करते हुए डा. भार्गव कहते है कि ऐसे लोगों की पत्रकारिता क्षेत्र में कोई जरूरत नहीं होनी चाहिए ओर पत्रकार समुदाय को भी ऐसे पत्रकारों का बहिष्कार करना चाहिए। डा. भार्गव का मानना है कि स्वच्छ पत्रकारिता के पक्षधर पत्रकारों पर ही राजनेताओं या अन्य वर्ग का दबाव या प्रलोभन कोई असर नहीं डालता, क्योंकि ऐसे पत्रकार कत्र्तव्य को प्राथमिकता देते हुए कलम का प्रयोग करते है, जिन्हें खरीदना या दबाना कठिन होता है। भविष्य में पत्रकारिता के बारे में डा. भार्गव की सोच है कि देश-विदेश की परिस्थितियां हलचल मचाए हुए है और देश आर्थिक व राजनीतिक तौर पर आगे बढऩे की होड़ से ग्रस्त है। इसी प्रकार आने वाले युग में पत्रकारिता की भूमिका और अधिक अहम् हो जाएगी। भविष्य में पत्रकारिता का स्तर धीरे-धीरे संवरता जाएगा, क्योंकि आज का पत्रकार अपने दायित्व को समझने का यदि प्रयास करे तो यह पत्रकारिता क्षेत्र के लिए सुखद होगा, अन्यथा जागृत समाज दायित्वहीन पत्रकारों का दायित्व सिखाने के लिए प्रभावी कदम उठाने पर विवश होगा
Uploads by drrakeshpunj
Popular Posts
-
कामशक्ति को बढ़ाने वाले उपाय (संभोगशक्ति बढ़ाना) परिचय - कोई भी स्त्री या पुरुष जब दूसरे लिंग के प्रति आर्कषण महसूस करने लगता है तो उस...
-
यूं तो सेक्स करने का कोई निश्चित समय नहीं होता, लेकिन क्या आप जानते हैं सेक्स का सही समय क्या है? बात अजीब जरुर लग रही होगी लेकिन एक अ...
-
भारतीय इतिहास के पन्नो में यह लिखा है कि ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज के लिए बनवाया था। वह मुमताज से प्यार करता था। दुनिया भर ...
-
फरीदाबाद: यह एक कहानी नही बल्कि सच्चाई है के एक 12 साल की बच्ची जिसको शादी का झांसा देकर पहले तो एक युवक अपने साथ भगा लाया। फिर उससे आठ साल...
-
surya kameshti maha yagya on dated 15 feb 2013 to 18 feb 2013 Posted on February 7, 2013 at 8:50 PM delete edit com...
-
किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को बल प्रदान करने और उनका अनिष्ट फल रोकने हेतु रत्नों द्वारा ग्रहों का दुष्प्रभाव र...
-
किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को बल प्रदान करने और उनका अनिष्ट फल रोकने हेतु रत्नों द्वारा ग्रहों का दुष्प्रभाव र...
-
महाभारत ऐसा महाकाव्य है, जिसके बारे में जानते तो दुनिया भर के लोग हैं, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बहुत...
-
नई दिल्ली. रोहिणी सेक्टर-18 में एक कलयुगी मौसा द्वारा 12 वर्षीय बच्ची के साथ कई महीनों तक दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया। मामले का ...
-
लखनऊ: भ्रष्टाचारों के आरोपों से घिरे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को बीजेपी में शामिल करने पर पूर्व मुख्यमंत्री और जन क्...
Search This Blog
Popular Posts
-
कामशक्ति को बढ़ाने वाले उपाय (संभोगशक्ति बढ़ाना) परिचय - कोई भी स्त्री या पुरुष जब दूसरे लिंग के प्रति आर्कषण महसूस करने लगता है तो उस...
-
यूं तो सेक्स करने का कोई निश्चित समय नहीं होता, लेकिन क्या आप जानते हैं सेक्स का सही समय क्या है? बात अजीब जरुर लग रही होगी लेकिन एक अ...
-
भारतीय इतिहास के पन्नो में यह लिखा है कि ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज के लिए बनवाया था। वह मुमताज से प्यार करता था। दुनिया भर ...
-
फरीदाबाद: यह एक कहानी नही बल्कि सच्चाई है के एक 12 साल की बच्ची जिसको शादी का झांसा देकर पहले तो एक युवक अपने साथ भगा लाया। फिर उससे आठ साल...
-
surya kameshti maha yagya on dated 15 feb 2013 to 18 feb 2013 Posted on February 7, 2013 at 8:50 PM delete edit com...
-
किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को बल प्रदान करने और उनका अनिष्ट फल रोकने हेतु रत्नों द्वारा ग्रहों का दुष्प्रभाव र...
-
किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को बल प्रदान करने और उनका अनिष्ट फल रोकने हेतु रत्नों द्वारा ग्रहों का दुष्प्रभाव र...
-
महाभारत ऐसा महाकाव्य है, जिसके बारे में जानते तो दुनिया भर के लोग हैं, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बहुत...
-
नई दिल्ली. रोहिणी सेक्टर-18 में एक कलयुगी मौसा द्वारा 12 वर्षीय बच्ची के साथ कई महीनों तक दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया। मामले का ...
-
लखनऊ: भ्रष्टाचारों के आरोपों से घिरे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को बीजेपी में शामिल करने पर पूर्व मुख्यमंत्री और जन क्...
followers
style="border:0px;" alt="web tracker"/>