चंडीगढ़। रेलमंत्री ममता बनर्जी ने इस बार बजट में चंडीगढ़ पर खुलकर ममता बरसाई है। दीदी ने शहर को मुंबई के लिए स्पेशल ट्रेन दी है, वहीं गरीब रथ को जयपुर से अजमेर तक बढ़ाकर शहर को एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल से जोड़ दिया है। लखनऊ से सहारनपुर के बीच चलने वाली
ट्रेन से सीधे जा सकेंगे गुड़गांव: मुंबई से चंडीगढ़ के बीच चलने वाली ट्रेन साप्ताहिक होगी। यह ट्रेन फुलेरा रींघस (राजस्थान), गुडगांव व कुरुक्षेत्र के रास्ते चंडीगढ़ आएगी और इसी रूट से जाएगी। लखनऊ से सहारनपुर के बीच चलने वाली ट्रेन जिसे चंडीगढ़ तक एक्सटेंड किया गया है, अंबाला, सहारनपुर होते हुए मुरादाबाद, चंदोसी, बरेली होते हुए लखनऊ जाएगी।
मल्टी फंक्शनल कॉम्पलेक्स के साथ बजट होटल भी: ममता ने देशभर के 160 रेलवे स्टेशनों पर मल्टी फंक्शनल कॉम्प्लेक्स के साथ बजट होटल बनाने की घोषणा की है। इनमें चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन भी शामिल है। यह कॉम्पलेक्स इस रीजन में चंडीगढ़ के अतिरिक्त पानीपत और रोहतक में भी बनाए जाएंगे। वहीं चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए ऑटोमेटिक लॉन्ड्री यूनिट लगाने की घोषणा की है।
पुराने सर्वे हुए नहीं, नए की घोषणा: बजट में ममता ने इस बार चंडीगढ़ से राजपुरा के बीच रेलमार्ग का सर्वे करने की घोषणा की है। परवाणू से दाड़लाघाट रेलमार्ग, हिमाचल में जोगिंदर नगर से मंडी के बीच रेलमार्ग का सर्वे कराने की घोषणा भी की गई है। पिछले बजट में चंडीगढ़ से जगाधरी रेलमार्ग के सर्वे की घोषणा की गई थी। इसका सर्वे अभी तक नहीं हुआ है। इस बार के बजट में इसका कोई जिक्र नहीं हुआ। चंडीगढ़-बद्दी रेलमार्ग भी अभी कागजों में ही है।
वर्ल्ड क्लास न बना पाने का दुख: चंडीगढ़ को पिछले तीन साल से वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाने की घोषणा होती रही है। इस बार के बजट में ममता ने घोषित रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास न बना पाने पर दुख व्यक्त किया है। अब चंडीगढ़ वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनेगा या दुख की भेंट चढ़ेगा यह तो अगला बजट ही बताएगा। राजद के चंडीगढ़ यूनिट के अध्यक्ष एडवोकेट रविंदर कृष्ण ने कहा कि लालू यादव ने वर्ल्ड क्लास का जो सपना संजोया था, उसे ममता की इस टिप्पणी से धक्का पहुंचा है।
तो चंडीगढ़ को साल में मिलेंगी दो गाड़ियां: ममता ने बजट में घोषणा की है कि जिस स्टेशन या उसके आसपास के क्षेत्र में कोई धरना प्रदर्शन या रेल रोको आंदोलन नहीं होगा, उस स्टेशन को साल में दो नई ट्रेनें दी जाएंगी। इस लिहाज से चंडीगढ़ को हर साल दो नई ट्रेनें मिलने की गुंजाइश बन रही है। चंडीगढ़ में रेलवे स्टेशन के पास धरना-प्रदर्शन नहीं होता, रेल रोकने का तो सवाल ही नहीं है।
सिक्योरिटी के लिए कुछ क्यों नहीं
"ममता बनर्जी को सोचना चाहिए कि वे पश्चिम बंगाल की रेल मंत्री नहीं बल्कि पूरे देश की रेल मंत्री हैं। उनका फोकस बंगाल पर रहा है, असामाजिक तत्वों से सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया गया। बजट का एक बड़ा हिस्स सिक्योरिटी पर्पज के लिए रखा जाना चाहिए था। चंडीगढ़ से जयपुर और आगे अजमेर तक ट्रेन चलाने से कुछ राहत मिली है पर यह यहां के लोगों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं है।" को चंडीगढ़ तक एक्सटेंड कर दिया गया है। अंबाला से चंडीगढ़ होते हुए चारूड़ टकराला के बीच चलने वाली डीएमयू को हिमाचल के अंब तक चलाने की घोषणा की है!