नई दिल्ली. हिमाचल. दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम को 15 साल पुराने भ्रष्टाचार के मामले में 5 साल की जेल की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजने का भी आदेश दिया।
कोर्ट ने सुखराम पर 4 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। 1996 में तीन लाख रुपए की रिश्वत लेकर एक निजी कंपनी को केबल आपूर्ति का ठेका दिलवाने के इस मामले में कोर्ट ने उन्हें शुक्रवार को दोषी ठहराया था। सुखराम पीवी नरसिंह राव सरकार में मंत्री थे।
सीबीआई के विशेष जज आरपी पांडेय ने सजा सुनाने के बाद सुखराम को जेल ले जाने का आदेश दिया। सुखराम के वकील ने कहा कि उम्र को देखते हुए सजा में नरमी बरती जाए। लेकिन सीबीआई के वकील का कहना था कि सुखराम आदतन अपराधी हैं। दो अन्य में भी उन्हें दोषी ठहराया जा चुका है। इसलिए नरमी नहीं बरतनी चाहिए।
राजा के साथ ये भी रहेंगे तिहाड़ में
हिमाचल की राजनीति के चाण्क्य सुखराम को तिहाड़ की जेल नंबर-1 में रखा जाएगा। यहीं पर पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा भी बंद हैं। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में गिरफ्तार राजा 17 फरवरी से यहीं पर बंद हैं।
ये है पूरी कहानी
सीबीआई ने प्रमोद महाजन के कार्यकाल में सीमा के बाहर कुछ कंपनियों को स्पेक्ट्रमों के आवंटन के मामले में जांच करने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि डीओटी ने 2001 -03 के बीच दूरसंचार कंपनियों के लिए बेस स्पेक्ट्रम 4.4 मेगाहट्र्ज से 6.2 मेगाहट्र्ज कर दिया। कंपनियों को अतिरिक्तस्पेक्ट्रम आवंटित कर दिए।
महाजन 2001-03 के बीच केंद्रीय दूरसंचार मंत्री थे। बाद में उनके भाई ने उनकी हत्या कर दी थी।
आरोपी हिरासत में
सजा सुनने के बाद बाहर आ रहे सुखराम पर रोहिणी कोर्ट परिसर में एक युवक ने हमला कर दिया। हालांकि पुलिसकर्मियों ने उसे तुरंत पकड़ कर हिरासत में ले लिया। युवक की पहचान हरविंदर सिंह के रूप में हुई है। उसके पास कोई हथियार नहीं था और उसने लात-घूंसों से हमला किया।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व कांग्रेसी नेता सुखराम 1996 में नरसिम्हा राव मंत्रिमंडल में दूरसंचार मंत्री थे। 1996 में हुए दूरसंचार घोटाले में सुखराम पहले भी जेल जा चुके हैं। घोटाले में नाम आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें मंत्री पद से हटा दिया था। बाद में सुखराम ने कांग्रेस छोड़कर हिमाचल कांग्रेस पार्टी नाम से एक अलग पार्टी बना ली थी।