कांग्रेस के अंदर आंतरिक जंग तेज हो गई है। जिस मनमोहन सिंह को सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बनायी, वही अब कुर्सी से चिपक गए है। सोनिया अपने बेटे राहुल गांधी की ताजपोशी चाहती है। लेकिन मनमोहन सिंह कुर्सी छोड़ने को राजी नहीं है। हर कदम पर सोनिया के प्रयासों को झटका मनमोहन सिंह दे रहे है। अब ताजा मामला एक और आया है। सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह से इस्तीफा देकर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री की ताजपोशी के लिए कहा है। सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को साफ शब्दों में खुद ही राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित करने को कहा है। लेकिन दिलचस्प बात है कि मनमोहन सिंह सोनिया की इस सलाह पर चुप्पी साध गए है। यह खुलासा जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने किया है। हाल ही में प्रथम प्रवक्ता मैगजिन में इसके रिपोर्टर ब्रजेश कुमार को दिए इंटरव्यू में स्वामी ने साफ कहा है कि सोनिया ने टेलीफोन पर मनमोहन सिंह गद्दी छोड़ने को कहा है।
स्वामी के अनुसार "मुझे इस बात की जानकारी है कि सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री के बीच टेलीफोन पर एक बातचीत हुई है। उस बातचीत में सोनिया गांधी ने साफ-साफ शब्दों में प्रधानमंत्री से कहा है कि वे दिसंबर में अपने पद से इस्तीफा देकर राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित करें। हालांकि, प्रधानमंत्री ने इसका कोई ठोस जवाब नहीं दिया। उन्होंने सोनिया गांधी की बातें जरूर सुनी। दरअसल, आज इस इटालियन परिवार में एक घबराहट है। वे लोग चाहते है कि मनमोहन सिंह की जगह अब राहुल गांधी को पद पर आ जाना चाहिए और यदि यह नहीं हुआ तो चीजें हाथ से बाहर चली जाएगी। उन्हें यह संदेह भी है कि डा. मनमोहन सिंह मन से उनके साथ नहीं है। यहां तक बात आ गई है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने ही जान-बूझकर सारी सूचनाएं लिक की है, जबकि इसे गुप्त रखा जाना चाहिए था।"
वैसे भी स्वामी प्रधानमंत्री के प्रति साफ्ट है। वे प्रधानमंत्री का बचाव 2 जी स्पेक्ट्रम में कर रहे है। वे लगातार कह रहे है कि इस मामले में पीएम की भूमिका ठीक है। उन्होंने सीधे दस जनपथ को घेरे में लिया है। पी चिंदबरम को भी इस घेरे में लिया है। स्वामी लगातार कह रहे है कि 2 जी घोटाले में मनमोहन सिर्फ धृतराष्ट्र की भूमिका में है। इसलिए उन्हें बहुत ज्यादा दोषी ठहराना ठीक नहीं है। वैसे मनमोहन सिंह भी स्वामी को पूरा सम्मान देते है। पिछले दिनों नई दिल्ली में 2 अक्तूबर को स्वामी को मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी के सामने पूरा सम्मान दिया। इससे सोनिया गांधी का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया।