बठिंडा. 44 साल से अकाली दल से जुड़े वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री चिरंजी लाल गर्ग को रविवार सुबह पार्टी से बाहर कर दिया गया पर शाम को उनकी वापसी हो गई। दिनभर चले राजनीतिक ड्रामे के बाद गर्ग ने कहा कि वे चुनाव जरूर लड़ेंगे पर शिअद (ब) की टिकट से नहीं।
उन्हें पार्टी से निष्कासित करने के बाद वापस लेने के फैसले की पुष्टि मुख्यमंत्री के सलाहकार दलजीत सिंह चीमा ने की है। चिरंजी गर्ग ने 1967 से अकाली दल के साथ अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की थी। 1997 में गर्ग ने बठिंडा विधानसभा से शिअद (ब) की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता।
गठजोड़ सरकार बनने पर उन्हें खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री बनाया गया। इसके बाद वह कानून एवं न्याय मंत्री के पद पर भी रहे। 2002 में पार्टी ने फिर उन्हें विधानसभा चुनाव मैदान में उतारा पर वे हार गए। 2007 के चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काटकर सरूप चंद सिंगला को चुनाव मैदान में उतारा।
शिअद (ब) को झटका
साल 2007 के विधानसभा चुनाव में चिरंजी लाल गर्ग पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगा था। उन पर आरोप था कि उन्होंने बठिंडा विधानसभा सीट, रामपुरा व मानसा सीट पर शिअद प्रत्याशियों को हराने का काम किया है। ऐसे में चिरंजी अगर पीपीपी का दामन थामते हैं, तो शिअद (ब) के लिए झटका हो सकता है।