Wednesday, November 16, 2011

राजस्थान सरकार के मंत्रिमंड़ल का सामूहिक इस्तीफा...?



 

14 नवंबर 2011
ख़बर है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने मंत्रिमंडल का सामूहिक इस्तीफा लेने पर विचार कर रहे हैं। उसके बाद नए मंत्रिमंडल का गठन करेंगे। इस कवायद में तकरीबन आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों के पर कतरे जाने का भी अंदेशा जताया जा रहा है। यह सारी उठा बैठक भंवरी कांड के बाद हुए कांग्रेस की भारी नुकसान की भरपाई के लिए कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर हो रहा है। उल्लेखनीय है कि भंवरी देवी कांड़ राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार के लिए फजीहत बनी हुई है।
 
 यही कारण है कि आलाकमान की नाराजगी से चिंतित राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों को मंत्रिपरिषद की बैठक के लिए मंगलवार को जयपुर तलब किया है। चर्चा है कि इस बैठक में सभी मंत्रियों से इस्तीफे ले लिए जाएंगे और फिर मुख्यमंत्री नए सिरे से मंत्रिमंडल का गठन करेंगे। आमतौर पर गललोत सरकार मंत्रिमंडल या मंत्रिपरिषद की बैठक बुधवार को बुलाती है। लेकिन भंवरी देवी के भंवर में फंस चुके खुद मुख्यमंत्री ने आनन-फानन में मंगलवार की सुबह मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। उधर ख़बर है कि इससे पहले भंवरी और मदेरणा की सीडी पर मुख्यमंत्री गहलोत ने सोमवार को पहली बार चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा, ' मीडिया में दिखाए जाने से पहले मुझे इस फूहड़ सीडी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
 
कहा जा रहा है कि पार्टी के कड़े रुख के बाद गहलोत को ऐसा बयान देना पड़ा है। ख़बर है कि बैठक बुलाने के साथ ही राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अफवाहों का बाजार भी गर्म है। सूत्रों के अनुसार सचिवालय की ओर से बैठक का कोई औपचारिक एजेंडा भी सोमवार रात तक जारी नहीं किया गया। सूत्रों बताते हैं कि रामलाल जाट के इस्तीफे पर बैठक में विचार किया जाएगा। सूत्रों की मानें को रामलाल जाट के त्यागपत्र पर मुख्यमंत्री अकेले फैसला लेने के बजाय सामूहिक निर्णय करना चाहते हैं, यही कारण है कि उन्होंने अपने सारे सहयोगी मंत्रियों को बुलाया है। एक अटकल और भी है भी है कि सभी मंत्री त्यागपत्र सौंप देंगे या फेरबदल की राह आसान करने के लिए खुद गहलोत सभी मंत्रियों से इस्तीफा ले लेंगे।
 
उधर पता चला है कि छंटनी का खतरा भांप इन मंत्रियों ने जयपुर में गुप्त बैठक की। इसे मुख्यमंत्री पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। वे चाहते हैं कि गहलोत को फेरबदल से किसी तरह रोका जाए। आशंका यह भी है कि अगर कुछ मंत्रियों को हटाया गया तो पार्टी में गुटबाजी हो सकती है। खतरा बगावत की भी है। उधर मुख्यमंत्री गहलोत के ऊपर आरोप है कि गहलोत को भंवरी और मदेरणा के संबंधों के बारे में पहले से ही पता था। एक विधायक की बहन से जब सीबीआई ने पूछताछ की तो उसने दावा किया कि भंवरी डेढ़ साल पहले गहलोत से मिली थी और सीएम को उस सीडी के बारे में बताया था जिसमें मदेरणा के साथ वह आपत्तिजनक अवस्था में दिखाई देती है।

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