बीजिंग. भारत-चीन सीना पर अगले पांच सालों में एक लाख भारतीय सैनिकों की प्रस्तावित तैनाती को संवेदनशील कदम बताते हुए चीन ने अपने राष्ट्रीय अखबार पीपल्स डेली के जरिए कहा है कि इस कदम से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ेगा। लेख में कहा गया है कि आधुनिक हथियारों के इस युग में एकत्रित सैनिकों का सफाया करना आसान होता है। इसलिए भारत सैनिकों का जमावड़ा करके घातक कदम उठा रहा है।
पीपल्स डेली के ऑनलाइन संस्करण में प्रस्तावित एक लेख में कहा गया कि पहले से ही भारत ने चीन के साथ विवादित सीमा पर 40 हजार सैनिक तैनात कर रखे हैं और अब वो एक लाख और सैनिक तैनात करने की तैयारी कर रहा है जिससे विवादित सीमा पर भारतीय सैनिकों की कुल संख्या एक लाख चालीस हजार हो जाएगी जिससे सीमा पर तनाव बढ़ जाएगा। इस लेख में कहा गया है कि सैनिकों की संख्या बढ़ाने से भारत के हित भी प्रभावित होंगे।
लेख में कहा गया है कि सीमा पर सैनिक बढ़ाना हमेशा संवेदनशील मुद्दा होता है और एक विवादित सीमा पर सैनिक बढ़ाना तो तनाव को बढ़ाएगा ही। भारत की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारत उस समय सैन्य खर्चे बढ़ा रहा है जब उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है।
इससे पहले चीनी सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के मुखपत्र की एक रिपोर्ट में भारत के सैन्य क्षमता बढ़ाने पर चिंता जाहिर की गई थी। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुश्किल आर्थिक दौर में सैन्य खर्चे बढ़ाना भारत के लिए मुश्किल हो रहा है ऐसे में भारत पहले माहौल को तनावग्रस्त कर रहा है ताकि बिना घरेलू हो-हल्ले और सवालों के सैन्य खर्चों में बढ़ोत्तरी कर सके।
इसमें कहा गया है कि चीन से खतरे की बात को बढ़ावा दिया जा रहा है और चीन से विवादित सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ाई जा रही है ताकि सैन्य खर्चा बढ़ाया जा सके। हाल ही में भारत ने चीन के पड़ोसियों के साथ सैन्य अभ्यास भी किेए हैं ताकि भारत ये दिखा सके कि वह चीन को रोकना चाहता है। साथ ही चीन को रोकने के लिए अमेरिका भी भारत पर ही निर्भर करेगा इसलिए अमेरिका को अपना महत्व दिखाने के लिए भारत चीन को आंखे दिखा रहा है। लेख में यह भी कहा गया है कि चीन के प्रति कड़ा रुख करके भारत अमेरिकी सैन्य मदद और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना कद बढ़ाना चाहता है।
पीपल्स डेली के ऑनलाइन संस्करण में प्रस्तावित एक लेख में कहा गया कि पहले से ही भारत ने चीन के साथ विवादित सीमा पर 40 हजार सैनिक तैनात कर रखे हैं और अब वो एक लाख और सैनिक तैनात करने की तैयारी कर रहा है जिससे विवादित सीमा पर भारतीय सैनिकों की कुल संख्या एक लाख चालीस हजार हो जाएगी जिससे सीमा पर तनाव बढ़ जाएगा। इस लेख में कहा गया है कि सैनिकों की संख्या बढ़ाने से भारत के हित भी प्रभावित होंगे।
लेख में कहा गया है कि सीमा पर सैनिक बढ़ाना हमेशा संवेदनशील मुद्दा होता है और एक विवादित सीमा पर सैनिक बढ़ाना तो तनाव को बढ़ाएगा ही। भारत की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारत उस समय सैन्य खर्चे बढ़ा रहा है जब उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है।
इससे पहले चीनी सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के मुखपत्र की एक रिपोर्ट में भारत के सैन्य क्षमता बढ़ाने पर चिंता जाहिर की गई थी। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुश्किल आर्थिक दौर में सैन्य खर्चे बढ़ाना भारत के लिए मुश्किल हो रहा है ऐसे में भारत पहले माहौल को तनावग्रस्त कर रहा है ताकि बिना घरेलू हो-हल्ले और सवालों के सैन्य खर्चों में बढ़ोत्तरी कर सके।
इसमें कहा गया है कि चीन से खतरे की बात को बढ़ावा दिया जा रहा है और चीन से विवादित सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ाई जा रही है ताकि सैन्य खर्चा बढ़ाया जा सके। हाल ही में भारत ने चीन के पड़ोसियों के साथ सैन्य अभ्यास भी किेए हैं ताकि भारत ये दिखा सके कि वह चीन को रोकना चाहता है। साथ ही चीन को रोकने के लिए अमेरिका भी भारत पर ही निर्भर करेगा इसलिए अमेरिका को अपना महत्व दिखाने के लिए भारत चीन को आंखे दिखा रहा है। लेख में यह भी कहा गया है कि चीन के प्रति कड़ा रुख करके भारत अमेरिकी सैन्य मदद और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना कद बढ़ाना चाहता है।